आसमान नीला दिखाई देने का कारण प्रकाश के विकिरण (Scattering) का प्रभाव है। इस प्रक्रिया को समझने के लिए नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है:
1. प्रकाश और उसका स्वरूप:
सूर्य से निकलने वाला प्रकाश सफेद होता है, जो वास्तव में सात रंगों (बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल और इंडिगो) का मिश्रण है। इसे इंद्रधनुष में आसानी से देखा जा सकता है। इन रंगों की अलग-अलग तरंग दैर्घ्य (Wavelength) होती है।
- लाल रंग: सबसे लंबी तरंग दैर्घ्य (~700 नैनोमीटर)।
- नीला और बैंगनी रंग: छोटी तरंग दैर्घ्य (~400 नैनोमीटर)।
2. वायुमंडल में प्रकाश का बिखराव:
जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो यह हवा के अणुओं (जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन) और धूल कणों से टकराता है। इस प्रक्रिया को रेली विकिरण (Rayleigh Scattering) कहते हैं।
- छोटे तरंग दैर्घ्य वाले रंग (जैसे नीला और बैंगनी) हवा के कणों द्वारा अधिक बिखरते हैं।
- लंबी तरंग दैर्घ्य वाले रंग (जैसे लाल और पीला) कम बिखरते हैं।
3. आसमान नीला क्यों दिखाई देता है?
- बैंगनी रंग का बिखराव सबसे अधिक होता है, लेकिन मानव आंख बैंगनी रंग के प्रति कम संवेदनशील है।
- इसके विपरीत, नीला रंग हमारी आंखों के लिए अधिक स्पष्ट और चमकीला होता है।
- इसीलिए, हमें आसमान नीला दिखाई देता है।
4. सूर्यास्त और सूर्योदय के समय आसमान लाल क्यों होता है?
सूर्यास्त और सूर्योदय के समय, सूर्य का प्रकाश वायुमंडल की मोटी परत से गुजरता है।
- इस दौरान नीला और बैंगनी रंग पूरी तरह से बिखर जाता है।
- केवल लाल और नारंगी रंग, जिनकी तरंग दैर्घ्य लंबी होती है, हमारी आंखों तक पहुंचते हैं।
- इसलिए आसमान लाल या नारंगी दिखता है।
5. चांदनी रात में आसमान काला क्यों लगता है?
रात के समय, जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में नहीं होता, तो विकिरण प्रक्रिया नहीं होती। चंद्रमा का प्रकाश बहुत कमजोर होता है, इसलिए आसमान काला दिखाई देता है।
सरल शब्दों में:
आसमान नीला दिखने का कारण प्रकाश का बिखराव और नीले रंग की तरंग दैर्घ्य का अधिक प्रभावशाली होना है।