राजनांदगांव। नगरीय निकाय चुनाव के बीच भाजपा ने संगठन विरोधी गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़े पैमाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित किया जा रहा है। अब तक 250 कार्यकर्ताओं पर यह कार्रवाई हो चुकी है, जबकि 600 से अधिक कार्यकर्ताओं पर निलंबन की तलवार लटक रही है।
बगावत पर कड़ा संदेश
प्रदेश संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिर्फ निर्दलीय प्रत्याशी बनने वालों पर ही नहीं, बल्कि पार्टी विरोध में काम करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। सभी जिलों में इसकी मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आगे पढ़ेइन जिलों में हुई कार्रवाई
अब तक कई जिलों में निलंबन की सूची जारी की जा चुकी है—
- दुर्ग: 45 कार्यकर्ता
- बालोद: 23 कार्यकर्ता
- बलरामपुर: 9 कार्यकर्ता
- जांजगीर-चांपा: 22 कार्यकर्ता
- गरियाबंद: 26 कार्यकर्ता
- धमतरी: 12 कार्यकर्ता
- महासमुंद: 29 कार्यकर्ता
- कांकेर: 14 कार्यकर्ता
- रायपुर नगर निगम: 20 कार्यकर्ता
- राजनांदगांव: 40 कार्यकर्ता (नगर निगम सहित अन्य निकायों में)
भाजपा का कड़ा रुख
भाजपा के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा ने कहा कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ना अनुशासनहीनता है। इसलिए ऐसे कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित किया जा रहा है, जिससे भविष्य में अनुशासनहीनता की पुनरावृत्ति न हो।
कबीरधाम और बिलासपुर में भी कड़ी कार्रवाई
- कबीरधाम: जिला अध्यक्ष राजेंद्र चंद्रवंशी ने 19 बागी नेताओं को निष्कासित किया।
- बिलासपुर: भाजपा ने 27 बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया, जबकि कांग्रेस ने दो चरणों में 21 नेताओं को निष्कासित किया।
भाजपा की इस सख्ती से चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। पार्टी ने कड़ा संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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