वर्ष 2024 के राजनीतिक घटनाक्रमों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए। यह साल खासकर लोकसभा चुनावों और विधानसभा उपचुनावों के परिणामों के कारण चर्चा में रहा।
- लोकसभा चुनाव 2024: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव तीन चरणों में हुए। 4 जून को घोषित परिणामों में भाजपा ने 11 में से 10 सीटों पर विजय प्राप्त की। केवल कोरबा सीट पर कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने भाजपा की कद्दावर नेता सरोज पांडेय को हराया। यह भाजपा की मजबूत स्थिति और कार्यशैली की पुष्टि करता है, जबकि कांग्रेस को अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने में कठिनाई हुई।
- विधानसभा उपचुनाव – रायपुर दक्षिण: लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल की जीत के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा का उपचुनाव हुआ। भाजपा के प्रत्याशी सुनील सोनी ने कम मतदान प्रतिशत के बावजूद 46 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इससे भाजपा का दबदबा और सिद्ध हुआ कि पार्टी के मजबूत उम्मीदवारों की प्रभावी भूमिका चुनावों में अहम है।
- जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय: जोगी कांग्रेस के विलय के लिए डॉ. रेणु जोगी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा। अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे थे, और विधानसभा चुनावों में मिली हार ने पार्टी को कांग्रेस में विलय पर विचार करने के लिए मजबूर किया।
- देवेंद्र यादव का राजनीतिक संकट: भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, जो कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं, पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं। उन पर बलौदाबाजार में तोड़फोड़, आगजनी और अन्य आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है।
- नंद कुमार साय की भाजपा में वापसी: नंद कुमार साय, जो एक साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, उन्होंने 3 सितंबर को भाजपा में वापसी की। भाजपा में उनके लौटने को कांग्रेस की हार और भाजपा की मजबूत स्थिति से जोड़ा गया।
यह घटनाक्रम छत्तीसगढ़ में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मोड़ थे, जिन्होंने भविष्य में पार्टी की रणनीतियों और चुनावी परिणामों पर असर डाला।