महिलाएं कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करती हैं, जिनमें से कुछ बीमारियां बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकती हैं। महिलाओं की इम्यूनिटी पुरुषों की तुलना में कमजोर होती है, और जीवनशैली में बिगाड़, खराब खानपान और तनाव के कारण ये बीमारियां और भी खतरनाक हो जाती हैं। महिला दिवस के मौके पर हम आपको महिलाओं में होने वाली कुछ सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं और इन्हें रोकने के उपाय बता रहे हैं।
ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है और इसका खतरा समय के साथ बढ़ता जा रहा है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण भारत में हर साल लाखों महिलाएं अपनी जान गंवाती हैं। यह कैंसर तब होता है जब स्तन में कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, जिससे ट्यूमर बनते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों में ब्रेस्ट में गांठ या दर्द, निपल्स से असामान्य डिस्चार्ज आदि शामिल हो सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है नियमित तौर पर मैमोग्राफी जांच कराना। यदि आप 40 वर्ष या उससे अधिक की हैं, तो साल में एक बार ये जांच करवाना चाहिए। इसके अलावा हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और शराब-सिगरेट से दूर रहना इस बीमारी के जोखिम को कम करता है। जितनी जल्दी इस कैंसर का पता चलता है, इलाज उतना ही आसान होता है।
सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के मुंह का कैंसर है, जो मुख्य रूप से Human Papillomavirus (HPV) के संक्रमण से फैलता है। यह कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में असामान्य योनि से रक्तस्राव, दर्द, और लिविड डिस्चार्ज शामिल हो सकते हैं। इस कैंसर से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन कराना जरूरी है, खासकर युवावस्था में। इसके अलावा नियमित पैप स्मीयर टेस्ट करवाना भी बहुत महत्वपूर्ण है, जो सर्वाइकल कैंसर की पहचान जल्दी करने में मदद करता है। सुरक्षित यौन संबंध, धूम्रपान से बचाव, और हेल्दी जीवनशैली इस बीमारी को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
गर्भाशय कैंसर
गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है। यह तब होता है जब गर्भाशय की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसके मुख्य लक्षण पेल्विक पेन, पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और मोनोपॉज के बाद भी खून आना हो सकते हैं। गर्भाशय कैंसर से बचने के लिए नियमित जांच करवाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही हेल्दी आहार, नियमित एक्सरसाइज, शराब और धूम्रपान से दूर रहना भी इस बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है। यदि आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
PCOS या PCOD एक हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी बीमारी है, जो ओवरी में सिस्ट (Cysts) बनने के कारण होती है। इस बीमारी के कारण महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, मोटापा बढ़ सकता है, और चेहरे पर अनचाहे बाल भी उग सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करने से वजन नियंत्रित रहता है, जिससे पीसीओएस के लक्षण कम हो सकते हैं। तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योगा की आदत डालें। यदि समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
हार्ट डिजीज
महिलाओं में दिल की बीमारियां पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर उन महिलाओं में जिनकी जीवनशैली तनावपूर्ण और अस्वस्थ है। दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण अत्यधिक तनाव, अनियमित खानपान, और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। इससे बचने के लिए सबसे पहले तनाव कम करना जरूरी है। नियमित योग, मेडिटेशन और शारीरिक गतिविधियां दिल की सेहत को बेहतर बनाती हैं। एक हेल्दी डाइट, जिसमें फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हों, दिल को मजबूत बनाता है। शराब और सिगरेट से दूर रहना भी महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।