किसी भी बच्चे को गोद लेने के पहले यह आवश्यक है कि उसे गोद लेने वाले दम्पति (पति-पत्नी) तथा उसे जन्म देने वाले दम्पति (पति-पत्नी) की सहमति हो। उसका गोद-नामा (Adoption Deed) निष्पादित कर उसे उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत करा लिया जाए। गोद-नामा कोई भी स्थानीय वकील या डीड रायटर तैयार कर देगा और वही पंजीकरण में भी आपका सहयोग करेगा।
जन्म प्रमाण पत्र में केवल माँ का नाम होने पर केवल माँ ही गोदनामा निष्पादित कर सकेगी और उसे पंजीकृत करवाया जा सकेगा। इस में आपको यह परेशानी हो सकती है कि बच्चे की माँ अपना नाम जन्म प्रमाण पत्र में नहीं देखना चाहे या फिर गोदनामा पंजीकृत नहीं कराना चाहे। वैसी स्थिति में ऐसे बच्चे को गोद लेना उचित नहीं होगा।
कुछ लोग आपको यह सलाह दे सकते हैं कि गोद लेने वाले माता पिता के नाम से ही अस्पताल का रिकार्ड लिखा जाए और और उन्हीं के नाम से जन्म प्रमाण पत्र भी बनवा लिया जाए और गोदनामे की परेशानी न हो। लेकिन आजकल डीएनए टेस्ट से पता किया जा सकता है कि बच्चे के असली माता पिता कौन हैं। यदि जन्मदाता माता पिता या उनमें से किसी एक के मन में बेईमानी हो तो वे बाद में गोद लेने वाले माता पिता को ब्लेकमेल कर सकते हैं और प्राकृतिक माता पिता होने के नाते बच्चे की कस्टडी मांग सकते हैं। जिससे गोद लेने वाले माता पिता भारी परेशानी में पड़ सकते हैं। इसलिए हम इस अवैध तरीके की सलाह नहीं देते और बल्कि ऐसा न करने की सलाह देते हैं।
अनाथ आश्रम से बच्चा गोद लेने के लिए, इन कदमों का पालन करना होता है:
• सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है.
• इसके बाद, कारा बच्चों की उपलब्धता के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करती है.
• मेरिट लिस्ट के मुताबिक, अनाथालयों में पहुंचने वाले बच्चों की उपलब्धता के आधार पर, ज़रूरतमंद दंपती को बच्चा दिया जाता है.
• बच्चा गोद लेने के लिए, कई तरह के दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है. इनमें आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, शादी प्रमाण पत्र, और फ़िटनेस प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ शामिल हैं.
• इसके बाद, आश्रम में जाकर आवेदन करना होता है. इसमें व्यक्तिगत जानकारी, परिवार की जानकारी, और गोद लेने की इच्छा के बारे में जानकारी देनी होती है.
• आश्रम के अधिकारी, गोद लेने वाले दंपती के साथ साक्षात्कार करते हैं.
• इस प्रक्रिया में कई तरह की जांचें होती हैं और यह सालों तक चल सकती है.
बच्चा गोद लेने से जुड़ी कुछ और बातें:
• बच्चा गोद लेने के लिए, शादीशुदा जोड़े की शादी को कम से कम दो साल हो चुके होने चाहिए.
कोई भी संभावित माता-पिता जिनकी अपनी कोई जैविक संतान हो या न हो, वे बच्चा गोद ले सकते हैं। बशर्ते…
• अगर संभावित अभिभावक शादीशुदा हैं तो उन दोनों की आपसी सहमति होना ज़रूरी है।
• एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है।
• जबकि एक सिंगल पुरुष सिर्फ़ लड़के को ही गोद ले सकता है।
– बच्चा गोद लेने के लिए मां-बाप की उम्र एक बेहद अहम पहलू है। इसके तहत कम उम्र के बच्चे को गोद लेने के लिए मां-बाप की औसत उम्र कम होनी चाहिए।
– संभावित माता-पिता और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच उम्र का फ़ासला कम से कम 25 साल होना ही चाहिए।
– लेकिन यह नियम उस समय लागू नहीं होता है जब गोद लेने वाले संभावित माता-पिता रिश्तेदार हों या फिर सौतेले हों।
– जिन लोगों के पहले से ही तीन या इससे अधिक बच्चे हैं वे लोग बच्चा गोद लेने के लिए योग्य नहीं हैं। लेकिन विशेष स्थिति में वे भी बच्चा गोद ले सकते हैं।
सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के मुताबिक, किसी बच्चे को गोद लेने के लिए सबसे पहले इन 10 कागज़ात का होना ज़रूरी है। इनके बिना प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो सकती।
ये कागज़ात हैं ज़रूरी
– बच्चे को गोद लेने के इच्छुक परिवार की मौजूदा तस्वीर या फिर उस दंपती और शख़्स की मौजूदा तस्वीर।
– जो शख़्स बच्चे को गोद लेना चाह रहा है, उसका पैन कार्ड।
– जन्म-प्रमाणपत्र या कोई भी ऐसा डॉक्यूमेंट जिससे उस शख़्स की जन्मतिथि प्रमाणित हो।
– निवास प्रमाण पत्र (आधार कार्ड/ वोटर आईडी/ पासपोर्ट/ नवीनतम बिजली का बिल/ टेलीफ़ोन बिल)
– उस साल के इनकम टैक्स की प्रामाणिक कॉपी
– किसी सरकारी चिकित्सा अधिकारी का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र जिससे इस बात की पुष्टि होती हो कि जो शख़्स बच्चे को गोद लेने जा रहा है, उसे किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। गोद लेने के इच्छुक दंपती को अपने-अपने मेडिकल सर्टिफ़िकेट जमा कराने होंगे।
– शादी का प्रमाण पत्र ( अगर शादीशुदा हैं तो)
– अगर शख़्स तलाक़शुदा है तो उसका प्रमाणपत्र।
– गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जुड़े दो लोगों का बयान।
– अगर इच्छुक व्यक्ति का कोई बच्चा पहले से ही है और उसकी उम्र पांच साल से अधिक है तो उसकी सहमति
• न कागज़ातों के पूरे होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है। बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। अगस्त 2015 में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया और नियमों में कुछ संशोधन किए गए और कोशिश की गई कि गोद लेने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जाए।