बजट 2025: रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें और सरकार की घोषणाएँ
वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट से पहले, रियल एस्टेट सेक्टर ने सरकार के सामने कई अहम मांगें रखीं। इनमें मुख्य रूप से सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने और होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की मांग शामिल थी। मौजूदा नियमों के तहत, होम लोन के ब्याज पर धारा 24(b) के तहत 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की गई थी।
बजट 2025 में क्या मिला रियल एस्टेट को?
- TDS छूट की सीमा बढ़ी: किराये पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है। इससे मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों को राहत मिलेगी।
- स्व-कब्जे वाली संपत्ति पर राहत: अब करदाता दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य के रूप में दावा कर सकते हैं, जो पहले केवल एक संपत्ति के लिए ही संभव था।
- आयकर दरों में कटौती: इससे मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे आवासीय बाजार में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
क्या नहीं मिला?
- रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा देने की मांग इस बार भी पूरी नहीं हुई।
- होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से आगे नहीं बढ़ाई गई।
हालांकि, कर संबंधी छूटों और किराये पर TDS में राहत से रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ हद तक फायदा मिलेगा। लेकिन उद्योग के खिलाड़ियों का मानना है कि अगर सरकार इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देती और होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाती, तो यह सेक्टर और तेजी से आगे बढ़ सकता था।
आप इस बजट को रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कैसा मानते हैं? अपने विचार हमें बताएं!