देशभर में प्रॉपर्टी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम आदमी के लिए घर का सपना पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है। कोरोना के बाद यह समस्या और गंभीर हो गई है, और खासकर एनसीआर में यह स्थिति काफी चिंताजनक है। नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास प्रॉपर्टी की कीमतों में पिछले पांच वर्षों में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, जिससे यहां के आवास की औसत कीमत सितंबर 2024 में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है। वहीं, सोहना और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों में भी कीमतों में 43 से 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एनसीआर में इस बढ़ोतरी का असर बिक्री पर भी पड़ रहा है। प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल होने के बावजूद बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एनसीआर में प्रॉपर्टी की बिक्री 6 प्रतिशत घट चुकी है, जबकि कीमतों में 30 प्रतिशत का उछाल आया है। इसी तरह, सात प्रमुख शहरों में बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट और मूल्य के हिसाब से बिक्री में 16 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।
प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के कारण यह भी देखा गया है कि निर्माण सामग्री, लैंड और श्रम की बढ़ती कीमतों ने इस स्थिति को और बिगाड़ा है। इन कारणों से औसत आवास की कीमतों में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे ग्राहकों के लिए घर खरीदना और मुश्किल हो गया है।
सम्पूर्ण जानकारी में यह स्पष्ट है कि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतें अब देशभर में एक बड़ी चुनौती बन गई हैं, और इसका असर ना सिर्फ बिक्री पर बल्कि आम आदमी की घर खरीदने की योजना पर भी पड़ रहा है।