भारत में वजन कम करने वाले इंजेक्शन को मंजूरी दी गई है। अगले कुछ महीनों में, अमेरिकी कंपनी एली लिली द्वारा निर्मित माउंजारो इंजेक्शन भारत में आ सकता है।
इस इंजेक्शन में तिर्जेपेटाइड नामक दवा दी गई है। टाइप-2 डायबिटीज का इलाज करने के लिए यह इंजेक्शन बनाया गया है और वजन कम करने में कामयाब रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक विकल्प हो सकता है जो वेट लॉस इंजेक्शन बैरिएट्रिक सर्जरी के लिए उपयुक्त है। बैरिएट्रिक सर्जरी वजन कम करने की सर्जरी है।
भारतीय बाजार में किसी भी दवा या इंजेक्शन को बिक्री के लिए दो संस्थाओं की मंजूरी की जरूरत होती है। पहली केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और दूसरी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की अनुमति चाहिए। भारत में CDSCO ने वजन कम करने वाले इस इंजेक्शन को मंजूरी दी है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से भी जल्द ही अनुमति मिलेगी। अगले पांच से छह महीने में वजन कम करने वाले इंजेक्शन मेडिकल स्टोर में उपलब्ध होंगे। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2024 से पहले भारत में यह इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएगा।
अब सवाल है कि यह इंजेक्शन कौन लगवा सकता है? मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डॉक्टर की सलाह के बिना लोग यह इंजेक्शन नहीं लगवा पाएंगे. सीडीएससीओ के पैनल ने डॉक्टर्स को बेहद सोच-समझकर यह इंजेक्शन लिखने की सलाह दी है. पैनल ने कहा कि यह इंजेक्शन उन लोगों को नहीं दिया जा सकता है, जिन्हें पहले पैंक्रियाज की बीमारी, थायरायड, मतली, उल्टी आदि की परेशानी है. अगर कोई डॉक्टर इस दवा को लिखता है उसे मरीज को एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट लेने की भी सलाह देनी होगी. जब डॉक्टर को लगे कि वजन के कारण बीमारियां बढ़ रही है, तभी वह इसे लिख सकते हैं.