जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से एक के बाद एक आतंकी हमले हुए जा रहे हैं। इन हमलों का
भारतीय जवानों के साथ-साथ आम जनता भी शिकार हो रही है। वहीं इन हमलों को रोकने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। इसी को लेकर अंदरखाते दो बातें चल रही हैं। एक तो यह है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध ली है तो दूसरी कि केंद्र सरकार फिर से एक और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े हमले की प्लानिंग कर रही है।
विपक्ष उठा रहा सवाल
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमले हुए हैं जिनमें सुरक्षाबलों के जवान और आम जनता के मासूम लोग भी जानें गंवा चुके हैं। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा कोई ठोस कदम न उठाने पर विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार उन्हें घेरा जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार ने कहा था कि 370 हटने के बाद आतंकवाद खत्म हो जाएगा लेकिन यह तो और बढ़ गया है। वहीं बार-बार आतंकियों के हमले होने से साफ जाहिर है कि सुरक्षा में कमियां हैं जिन्हें सरकार पूरा नहीं कर रही। विपक्ष के अनुसार केंद्र सरकार के कारण पूरा देश आज खतरे में है।
बड़े हमले की प्लानिंग या अनदेखी
वहीं इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार फिर से आतंकियों के खिलाफ कोई बड़ी प्लानिंग कर रही है। केंद्र सरकार के आतंकियों के खिलाफ इस हमले के बाद देश में से आतंकियों का बिल्कुल सफाया हो जाएगा। मोदी सरकार के समय से ही आतंकियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयां की गई हैं। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। काफी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। मोदी सरकार ने शुरू से ही आतंकियों के खिलाफ सख्त रवैया रखा है। उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की और 2019 में पुलवामा अटैक के जवाब में भारत की ओर से बालाकोट एयर स्ट्राइक हुई। केंद्र सरकार ने दोनों स्ट्राइक की अनुमति दी थी इसलिए यह कहा जा रहा है कि इस बार भी सरकार कुछ बड़ी प्लानिंग कर रही है और इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा।