राजौरी और पूंछ के सीमावर्ती जिलों में आतंकवाद के बावजूद मतदाता उत्साहपूर्वक मतदान कर रहे हैं। जानें कैसे इन जिलों के मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
राजौरी/पुंछ: पिछले तीन वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों के बावजूद, राजौरी और पूंछ के सीमावर्ती जिलों के मतदाता अपनी परंपरा को निभाते हुए, जम्मू और कश्मीर में अगले सरकार के गठन के लिए उत्साहपूर्वक मतदान कर रहे हैं।
पीर पंजाल क्षेत्र: इन दोनों जिलों के साथ-साथ रीसी जिला और कश्मीर के तीन केंद्रीय जिले, श्रीनगर, गांदेरबल और बडगाम, बुधवार को तीन चरणों में होने वाले चुनावों के दूसरे चरण में मतदान कर रहे हैं।
मतदान का उत्साह: मतदाताओं में उत्साह की कमी नहीं थी, जो मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े नजर आए। इनमें वो मतदान केंद्र भी शामिल हैं, जो नियंत्रण रेखा (LoC) के निकट स्थापित किए गए थे। अधिकारियों के अनुसार, मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था, जब तक अंतिम रिपोर्ट प्राप्त हुई।
आतंकवाद के बावजूद मतदान का जोश
राजौरी और पूंछ के मतदाताओं ने यह साबित कर दिया है कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर हैं। आतंकवाद के चलते कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है, लेकिन इस बार के चुनावों में लोगों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
शांति और सुरक्षा: सुरक्षा बलों ने मतदान के दिन सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया था, ताकि मतदाता बिना किसी डर के मतदान कर सकें। इसका असर साफ दिखा, क्योंकि लोग बड़े उत्साह से मतदान केंद्रों पर पहुंचे।
राजौरी और पूंछ के मतदाताओं की यह पहल न केवल उनके साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि लोकतंत्र की आवाज हमेशा जिंदा रहती है, चाहे परिस्थिति कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो। जम्मू और कश्मीर में इन चुनावों का परिणाम यह दिखाएगा कि जनता की आकांक्षाएं और उम्मीदें किस दिशा में जा रही हैं।