fbpx
Tuesday, October 8, 2024

जानें दुखद घटना : जलियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ और इसके प्रभाव !

“जानें जलियांवाला बाग हत्याकांड की दुखद कहानी, इसके पीछे के कारण, घटना का विवरण, और इसके प्रभाव पर इस लेख में।”

परिचय

जलियांवाला बाग हत्याकांड, भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। यह घटना 13 अप्रैल 1919 को हुई थी, जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे भारतीयों पर जनरल डायर ने फायरिंग करवाई। इस लेख में हम इस घटना के पृष्ठभूमि, घटनाक्रम, और इसके बाद के प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

जलियांवाला बाग का इतिहास

जलियांवाला बाग, अमृतसर में स्थित एक सार्वजनिक उद्यान है, जिसका उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा त्योहारों और समारोहों के लिए किया जाता था। यह बाग उस समय का प्रतीक बन गया, जब भारतीय स्वतंत्रता के प्रति लोगों का गुस्सा और असंतोष बढ़ रहा था।

घटना का पृष्ठभूमि

1919 का वर्ष भारत में राजनीतिक असंतोष का एक महत्वपूर्ण समय था। रॉलेट एक्ट के तहत, ब्रिटिश सरकार ने बिना किसी ट्रायल के भारतीयों की गिरफ्तारी को संभव बना दिया। इस अधिनियम ने भारतीयों में व्यापक आक्रोश पैदा किया।

1. रॉलेट एक्ट का प्रभाव

रॉलेट एक्ट ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और तेज कर दिया। इस एक्ट के खिलाफ लोगों ने विभिन्न जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए। अमृतसर में भी, 13 अप्रैल को बैसाखी के मौके पर हजारों लोग जलियांवाला बाग में इकट्ठा हुए थे।

घटना का विवरण

13 अप्रैल 1919 को, जब हजारों लोग जलियांवाला बाग में इकट्ठा हुए, जनरल डायर ने वहाँ पहुँचकर उन्हें भंग करने का आदेश दिया। लेकिन, जब लोग भागने लगे, तो डायर ने अपने सैनिकों को गोली चलाने का आदेश दिया। इस घटना में लगभग 1000 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

1. फायरिंग का विवरण

डायर ने लगभग 10 मिनट तक गोलियां चलाईं। लोग जान बचाने के लिए बाग की दीवारों पर चढ़ने लगे, लेकिन बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं था।

घटना के परिणाम

जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भारतीयों के दिलों में गहरा आक्रोश पैदा किया। इस घटना ने कई स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया और स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।

1. राष्ट्रीयता की भावना

इस हत्याकांड ने भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत किया। महात्मा गांधी, जिनका इस घटना से गहरा संबंध था, ने इसे भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना।

2. हिंसा का प्रतिरोध

इस घटना ने लोगों को यह समझाने में मदद की कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी थी।

प्रमुख व्यक्तित्व और उनके विचार

जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद कई प्रमुख व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए।

  • महात्मा गांधी: उन्होंने इस घटना को “अधिकारियों द्वारा किया गया सबसे बड़ा अपराध” बताया।
  • रवींद्रनाथ ठाकुर: उन्होंने इस हत्याकांड के बाद ब्रिटिश सरकार से “नाइटहुड” लौटा दिया।

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

जलियांवाला बाग हत्याकांड का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं रहा। इसने विश्व स्तर पर भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन को प्रमुखता दी।

  • ब्रिटिश सरकार की आलोचना: इस घटना के बाद, ब्रिटिश सरकार की आलोचना पूरे विश्व में होने लगी।
  • संसद में चर्चा: यह मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठाया गया, जिससे भारतीय स्वतंत्रता की मांग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थान मिला।

निष्कर्ष

जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा को बदल दिया। यह घटना न केवल एक दुखद अध्याय है, बल्कि यह भारतीयों के लिए संघर्ष और बलिदान का प्रतीक बन गई। इस घटना को याद करना और इसके संदेश को फैलाना हमारे लिए आवश्यक है, ताकि हम अपने इतिहास को समझ सकें और आगे बढ़ सकें।

More Topics

रीतिमुक्त कवि कौन हैं

रीतिमुक्त कवि वह कवि होते हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य...

आयुष्मान भारत योजना कब शुरू हुई

आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)...

राजश्री योजना कब शुरू हुई

राजश्री योजना एक सामाजिक कल्याण योजना है जिसे राजस्थान...

प्रधानमंत्री जन धन योजना कब शुरू हुई

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) भारत सरकार की एक...

मिड डे मील योजना कब शुरू हुई

मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme) भारत...

ऋग्वेद के रचयिता कौन हैं

ऋग्वेद हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथों...

भारत में हरित क्रांति कब शुरू हुई थी

हरित क्रांति (Green Revolution) की शुरुआत भारत में 1960...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े