सोमवार को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान मात्रा में भारत की हिस्सेदारी 48.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत वैश्विक प्रेषण में दुनिया में सबसे आगे है और 2023 में उसे 115.3 बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त हुए। रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान मात्रा में 48.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दुनिया में सबसे आगे है। मोबाइल मनी और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए तेज़ी से किए जा रहे वैश्विक प्रेषण के 2023 में बढ़कर 857.3 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें भारत (115.3 बिलियन अमरीकी डॉलर) सबसे आगे है।”
डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग दसवां हिस्सा बनाती है और पिछले दशक में देखी गई वृद्धि दरों के आधार पर 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद का पाँचवाँ हिस्सा बनने की उम्मीद है। आरबीआई के अनुसार, पिछले सात वर्षों में डिजिटल भुगतान ने मात्रा के लिहाज से 50 प्रतिशत और मूल्य के लिहाज से 10 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है, जिसमें 2023-24 में 428 लाख करोड़ रुपये के 164 बिलियन लेनदेन शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है, जो न केवल वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) को अपना रहा है, बल्कि इंडिया स्टैक को भी अपना रहा है, जिसमें बायोमेट्रिक पहचान, एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई), मोबाइल कनेक्टिविटी, डिजिटल लॉकर और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण शामिल हैं।