कैंसर विशेषज्ञों ने मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा कैंसर की तीन और दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट देने के कदम की सराहना की। ये तीन दवाएं हैं- ट्रास्टुजुमैब डेरक्सटेकन (स्तन कैंसर के लिए), ओसिमर्टिनिब (ईजीएफआर म्यूटेशन के लिए फेफड़ों के कैंसर की दवा) और डुरवालुमैब (फेफड़ों और पित्त नली के कैंसर के लिए)। डेरक्सटेकन दवा का इस्तेमाल हर तरह के कैंसर में किया जा सकता है, जिसमें Her2 पॉजिटिव जीन हो।
कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी
इंडियन कैंसर सोसाइटी की चेयरपर्सन ज्योत्सना गोविल ने कहा कि इस छूट से देश में “अनेक कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी।” गोविल ने कहा, “कैंसर की तीन दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नवाचारों में पहल और सार्वजनिक निवेश से टियर II और III और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में काफी सुधार होगा।”
सीमा शुल्क में छूट एक स्वागत योग्य कदम- डॉ. अग्रवाल
सर गंगा राम अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. श्याम अग्रवाल के अनुसार: “सभी आयातित जीवन रक्षक दवाएं महंगी हैं और सीमा शुल्क में छूट एक स्वागत योग्य कदम है।” उन्होंने कहा, ”कैंसर की दवाएं बहुत महंगी और जीवन रक्षक हैं। मरीजों को लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता होती है। लागत को कम करने के लिए सभी कदम स्वागत योग्य है।