दिल्ली के प्रख्यात कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस के मालिक विकास दिव्यकीर्ति ने कानूनी उल्लंघन के कारण संस्थान का बेसमेंट सील किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को कहा कि राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की मौत की घटना से उत्पन्न आक्रोश जायज है। उन्होंने अधिकारियों से कोचिंग संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश लागू करने की मांग की। दिव्यकीर्ति ने विभिन्न एजेंसियों के कानूनों में “अस्पष्टता और विरोधाभास” होने का दावा करते हुए यह भी कहा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल है नहीं जितनी दिखती है।
मुखर्जी नगर में अपने संस्थान के खिलाफ दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए दिव्यकीर्ति ने बयान जारी करने में देरी के लिए खेद जताया और कहा कि वह सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं। संस्थान का बेसमेंट सील किए जाने के बाद सोमवार रात बड़ी संख्या में छात्रों ने उनके घर के बाहर जमा होकर इस मामले पर प्रतिक्रिया देने की मांग की थी।
दिव्यकीर्ति ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए अपने बयान में कहा, “हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। दरअसल, हम अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ नहीं कहना चाहते थे। इस देरी के लिए हम हृदय से क्षमा चाहते हैं।” उन्होंने तीनों मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “हम शनिवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिसमें तीन छात्रों- श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन दल्विन की असामयिक व दुखद मृत्यु हो गई।”
दिव्यकीर्ति ने आरोप लगाया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली अग्निशमन विभाग के नियमों में विसंगतियां हैं। उन्होंने कहा, “कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल नहीं है जितनी दिखती है। इसके कई पहलू हैं जो कानूनों की अस्पष्टता और विरोधाभास से जुड़े हैं। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली अग्निशमन विभाग के नियमों में विसंगति है।”
दिव्यकीर्ति ने यह भी कहा कि उनके कोचिंग संस्थान में छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “फिलहाल, हमारे प्रबंधन में अग्नि एवं सुरक्षा अधिकारी का एक विशेष पद है। इस पद पर काम कर रहे अधिकारी ने राष्ट्रीय अग्नि सेवा महाविद्यालय (नागपुर) से स्नातक की पढ़ाई की है और वह 14 साल तक बड़े अस्पतालों व मॉल में काम कर चुके हैं। वे प्रत्येक इमारत का नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट करते हैं।”