बिहार सरकार ने औरंगाबाद, डेहरी और सासाराम में भूगर्भ जल के स्तर में गिरावट और इसके सुरक्षित भंडार में लगातार हो रही कमी से उत्पन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिए इन शहरों के लोगों को सोन नदी के सतही जल को शोधित कर पेयजल के रूप में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
इन शहरों के भूगर्भ जल स्तर में तेजी से हो रही गिरावट
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि जलवायु परिवर्तन होने के कारण वर्षा के स्वरूप में बदलाव तथा भूगर्भ जल स्तर में गिरावट से बिहार में सूखे और बाढ़ की समस्या बढ़ी है। भूगर्भ जल में लगातार गिरावट और इसके सुरक्षित भंडार में कमी हो रही है, जिससे दक्षिण बिहार के कई क्षेत्रों में पेयजल का संकट उत्पन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम शहरों में स्थानीय लोगों द्वारा भूगर्भ जल का उपयोग पेयजल के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र, स्कूल, अस्पताल और अग्निशामक जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इससे इन शहरों के भूगर्भ जल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण बिहार के औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम शहरों के भूगर्भ जल स्तर में पिछले वर्षों में लगातार कमी हुई है। भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और औद्योगिक विकास के कारण इन शहरों के भूगर्भ जल पर अत्यधिक दबाव पड़ने की आशंका है। ऐसी परिस्थिति में नदियों में उपलब्ध सतही जल को परिष्कृत किए जाने के बाद पेयजल के लिए उपयोग किए जाने की व्यवस्था करना आवश्यक है।