पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला तीरंदाज अंकिता भकत ने गुरुवार को महिलाओं की तीरंदाजी स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में 11वां स्थान हासिल किया। यह उनकी बड़ी उपलब्धि है। अंकिता का ओलंपिक तक पहुंचना आसान नहीं था। उनका परिवार आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा था। उनके पिता दूध बेचते थे और परिवार की आमदनी बहुत कम थी। इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, अंकिता ने तीरंदाजी के प्रति अपनी मेहनत और जुनून को बनाए रखा और अपने ओलंपिक सपने को पूरा किया।कोलकाता की निवासी अंकिता ने केवल 10 साल की उम्र में तीरंदाजी की दुनिया में कदम रखा। एक स्थानीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्हें ना तो उपकरण मिले और ना ही अनुभव था। इसके बावजूद, अंकिता ने हार मानने के बजाय स्थानीय क्लब से उपकरण उधार लेकर अभ्यास शुरू किया।अंकिता की मेहनत और संघर्ष का परिणाम तब मिला जब 2014 में उन्हें टाटा तीरंदाजी एकेडमी में प्रवेश मिला। यहां, कोच धर्मेंद्र तिवारी, पूर्णिमा महतो, और राम अवधेश की देखरेख में उन्होंने अपनी तीरंदाजी की तकनीक को निखारा। 2015 में, 18 साल की उम्र में, अंकिता ने भारतीय तीरंदाजी टीम में स्थान प्राप्त किया।
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