बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से मौतों का मामला सामने आया है। छपरा और सीवान जिले में हुई इस दुखद घटना में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि एक व्यक्ति की छपरा में जान गई है। इस घटना में दो अन्य लोग अपनी आंखों की रोशनी भी गंवा चुके हैं।
हालांकि बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद हर साल जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है। इस वर्ष जून में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में 30 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी, जबकि गुजरात में भी दो साल पहले 40 से अधिक लोगों की जान गई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि जहरीली शराब की मुख्य वजह अवैध तरीके से बनाई गई कच्ची शराब है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद, गैरकानूनी तरीके से बनाई जाने वाली कच्ची शराब में मिथाइल और अन्य जहरीले रसायन मिलाए जाते हैं, जो जानलेवा साबित होते हैं।
अवैध शराब बनाने की प्रक्रिया में ध्यान न देने के कारण, शराब पीने से मौत का खतरा बढ़ जाता है। इससे न केवल व्यक्ति की जान जाती है, बल्कि समाज में भी इसके गंभीर परिणाम होते हैं। बिहार सरकार को इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।