भरतपुर पक्षी विहार, जिसे अब केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है, भारत के राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है। यह पक्षी विहार दुनिया भर में अपने पक्षियों की विविधता और संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर पक्षी विहार) की पूरी जानकारी:
1. स्थिति और भौगोलिक स्थान:
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है।
- यह उद्यान भरतपुर शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है और दिल्ली से 180 किलोमीटर और आगरा से 55 किलोमीटर दूर है।
- यह स्थान यमुना और गंगा नदियों के बीच स्थित है, जिससे यहां का वातावरण पक्षियों के लिए उपयुक्त होता है।
2. इतिहास:
- इस पक्षी विहार का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सूरजमल द्वारा किया गया था।
- इसे पहले शिकारगाह के रूप में विकसित किया गया था, जहां शाही परिवार के लोग और ब्रिटिश अधिकारी बतख का शिकार करते थे।
- 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया और 1985 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
3. पक्षियों की विविधता:
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान लगभग 370 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर है।
- यहाँ सर्दियों के मौसम में हजारों प्रवासी पक्षी जैसे साइबेरियन क्रेन, ग्रेट इबिस, स्टॉर्क, पेलिकन, और फ्लेमिंगो आते हैं।
- यहाँ कई स्थायी पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं जैसे किंगफिशर, स्पॉट-बिल डक, ओस्प्रे, और सर्पेंट ईगल।
- यह स्थान प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श निवास स्थान है, खासकर सर्दियों के दौरान जब साइबेरिया और यूरोप के ठंडे क्षेत्रों से पक्षी यहाँ आते हैं।
4. वनस्पति और जीव:
- उद्यान में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें आर्द्रभूमि, घास के मैदान, और वन क्षेत्र शामिल हैं।
- यहाँ मछलियों, सांपों, कछुओं और उभयचरों की कई प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं।
- इसके अलावा, यहाँ स्तनधारी जीव जैसे नीलगाय, चीतल, सांभर, जंगली सूअर और कुछ छोटे शिकारी जीव भी रहते हैं।
5. मुख्य आकर्षण:
- उद्यान में एक केवलादेव मंदिर भी स्थित है, जिससे इसका नाम केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पड़ा।
- यहाँ पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए बोटिंग और साइकिलिंग का भी विकल्प है।
- सर्दियों के समय प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए यह स्थान विशेष रूप से लोकप्रिय होता है।
- पक्षी विहार में गाइडेड सफारी और बर्ड वॉचिंग टूर की व्यवस्था भी है, जिससे लोग पक्षियों को करीब से देख सकते हैं।
6. उद्यान का मौसम:
- उद्यान पूरे वर्ष खुला रहता है, लेकिन अक्टूबर से मार्च का समय यहाँ पक्षियों को देखने के लिए सबसे अच्छा होता है, जब प्रवासी पक्षी यहाँ आते हैं।
- गर्मियों के दौरान यहाँ का तापमान बहुत बढ़ जाता है, लेकिन इस समय भी स्थानीय पक्षियों को देखा जा सकता है।
7. कैसे पहुंचें:
- रेल द्वारा: भरतपुर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग द्वारा: दिल्ली, आगरा और जयपुर से सीधी बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा आगरा (55 किमी) और दिल्ली (180 किमी) है।
8. प्रवेश शुल्क और समय:
- उद्यान में प्रवेश के लिए एक छोटा शुल्क लगता है, जो भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग होता है।
- खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (मौसम के अनुसार समय बदल सकता है)।
निष्कर्ष:
भरतपुर पक्षी विहार (केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) भारत के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है, जो पक्षियों की अनूठी प्रजातियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का दौरा पक्षी प्रेमियों और प्रकृति के उत्साही लोगों के लिए एक अनमोल अनुभव होता है।