भारत में गैस (प्राकृतिक गैस और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस – LPG) की आपूर्ति घरेलू उत्पादन और आयात दोनों से की जाती है। प्राकृतिक गैस का उपयोग औद्योगिक, वाणिज्यिक, और घरेलू क्षेत्रों में होता है, जबकि LPG (एलपीजी) का मुख्य रूप से खाना पकाने और वाहन ईंधन के रूप में उपयोग होता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि भारत में गैस की आपूर्ति कहाँ से होती है।
1. प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
a. घरेलू उत्पादन:
भारत में प्राकृतिक गैस का घरेलू उत्पादन देश की ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गैस के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- मुंबई हाई (Bombay High):
- यह भारत का सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादन क्षेत्र है, जो अरब सागर में स्थित है। मुंबई हाई से न केवल तेल बल्कि प्राकृतिक गैस भी बड़ी मात्रा में निकाली जाती है।
- गुजरात:
- गुजरात के क्षेत्र में प्राकृतिक गैस के कई स्रोत हैं। हजीरा और अंकलेश्वर गैस क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जाता है। गुजरात प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन प्रणाली के जरिए भारत के कई हिस्सों को गैस सप्लाई करता है।
- आंध्र प्रदेश और ओडिशा:
- पूर्वी तट पर कृष्णा-गोदावरी बेसिन (KG Basin) भारत का प्रमुख गैस उत्पादन क्षेत्र है। यह बेसिन समुद्र में स्थित है और यहाँ से बड़ी मात्रा में गैस निकाली जाती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और ओएनजीसी जैसी कंपनियाँ यहाँ गैस का उत्पादन करती हैं।
- असम और त्रिपुरा:
- पूर्वोत्तर भारत में भी प्राकृतिक गैस के कुछ स्रोत हैं, विशेष रूप से असम और त्रिपुरा में। यहाँ से भी प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है और आस-पास के क्षेत्रों को सप्लाई की जाती है।
b. आयात:
घरेलू उत्पादन के अलावा, भारत को अपनी गैस की मांग को पूरा करने के लिए गैस का आयात भी करना पड़ता है। भारत मुख्य रूप से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का आयात करता है, जो विश्व के विभिन्न देशों से आता है। प्रमुख गैस निर्यातक देशों में कतर, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, और ओमान शामिल हैं।
- LNG टर्मिनल: भारत में कई LNG टर्मिनल हैं, जहाँ पर आयात की गई गैस को तरल रूप से समुद्री जहाजों द्वारा लाया जाता है और फिर उसे रीसाइकल करके प्राकृतिक गैस में परिवर्तित किया जाता है। प्रमुख टर्मिनल गुजरात के हजीरा और दहेज में स्थित हैं, साथ ही महाराष्ट्र में भी LNG टर्मिनल हैं।
2. तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG)
a. घरेलू उत्पादन:
LPG मुख्य रूप से पेट्रोलियम शोधन प्रक्रिया से उत्पन्न होता है। भारत में कई रिफाइनरीज़ हैं, जो कच्चे तेल को परिष्कृत करके LPG का उत्पादन करती हैं। कुछ प्रमुख रिफाइनरीज़ निम्नलिखित हैं:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (जामनगर, गुजरात):
- दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी परिसरों में से एक है। यहाँ से बड़ी मात्रा में LPG का उत्पादन होता है।
- इंडियन ऑयल रिफाइनरीज़:
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की कई रिफाइनरी हैं, जो LPG का उत्पादन करती हैं। इनका योगदान भारत की LPG मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण है।
b. आयात:
LPG की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत LPG का आयात भी करता है। LPG मुख्य रूप से मध्य पूर्व के देशों जैसे सऊदी अरब, कुवैत, और कतर से आयात किया जाता है। भारत सरकार द्वारा सब्सिडी वाली LPG गैस सिलेंडर की आपूर्ति सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से की जाती है।
- आयात टर्मिनल: भारत के प्रमुख LPG आयात टर्मिनल गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और ओडिशा में स्थित हैं, जहाँ से LPG को वितरित किया जाता है।
3. गैस वितरण और पाइपलाइन नेटवर्क
भारत में गैस की आपूर्ति के लिए एक मजबूत पाइपलाइन नेटवर्क है, जो गैस को उत्पादन क्षेत्रों और आयात टर्मिनलों से उपभोक्ताओं तक पहुँचाता है। प्रमुख पाइपलाइनें निम्नलिखित हैं:
- हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) पाइपलाइन: यह पाइपलाइन देश की सबसे पुरानी और प्रमुख पाइपलाइन में से एक है, जो गुजरात से उत्तर भारत के राज्यों में गैस की आपूर्ति करती है।
- गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड (GSPL): गुजरात राज्य में गैस के वितरण के लिए प्रमुख नेटवर्क है।
- इंडियन गैस अथॉरिटी लिमिटेड (GAIL): यह भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस कंपनी है, जो पाइपलाइन और वितरण नेटवर्क के माध्यम से गैस की आपूर्ति करती है।
4. गैस आधारित ऊर्जा परियोजनाएँ
भारत में प्राकृतिक गैस का उपयोग विद्युत उत्पादन, उर्वरक उद्योग, और औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। गैस आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना से भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है।
निष्कर्ष
भारत में गैस की आपूर्ति घरेलू उत्पादन और आयात दोनों के माध्यम से होती है। प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र गुजरात, मुंबई हाई, कृष्णा-गोदावरी बेसिन, असम और त्रिपुरा हैं। इसके अलावा, भारत LNG और LPG का भी बड़े पैमाने पर आयात करता है, जिसमें कतर, रूस, और मध्य पूर्वी देश प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। गैस वितरण और पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से यह गैस देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई की जाती है, जिससे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।