केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 % GST हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र लिख लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 फीसदी की दर से वस्तु एवं सेवा कर (GST) हटाने का अनुरोध किया है।
पत्र में मंत्री ने कहा, ‘‘ जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है। कर्मचारी संघ का मानना है कि अगर परिवार की सुरक्षा और जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को ‘कवर’ करने के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम पर कवर नहीं लेना चाहिए।
बता दें कि देश में हेल्थ इंशोरेंस पर 18 प्रतिशत GST होने के कारण हर साल 25 से लेकर 35 प्रतिशत लोग अपनी इंशोरेंस पॉलिसी को रिन्यु नहीं करवा पाते। बुजुर्गों के मामले में हेल्थ इंशोरेंस का यह प्रीमियम 12 से लेकर 15 हज़ार रुपए बनता है। हेल्थ इंशोरेंस पर लगने वाले 18 प्रतिशत GST को कम करने के लिए ही कनफ़ेडरेशन ऑफ़ जनरल इंशोरेंस एजेंट एसोसिएशन्स ऑफ़ इंडिया ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन को पत्र लिख कर हेल्थ इंशोरेंस पर GST की दर 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत करने की मांग की थी।
देश में क़रीब 55 करोड़ लोगों के पास हेल्थ इंशोरेंस है और इनमें से बड़ी संख्या में लोगों के पास सरकारी बीमा है। निजी बीमा कंपनियों द्वारा क़रीब 25 प्रतिशत लोगों ने हेल्थ कवर लिया है और इसी सेक्टर को अब GST कम कर के राहत दी जा सकती है।