देश के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश एक बड़ा खतरा बन गई है। बुधवार रात लिनचोली और भीमबाली बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर 16 लोग लापता हो गए। वहीं, एक हजार यात्री केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में करीब 11 लोगों की मौत हो चुकी है, स्थानीय प्रशासन ने कहा कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर में गुरुवार को हुई बादल फटने की घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राज्य मंत्री राजेश धर्माणी के अनुसार, इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 49 लोग अभी भी लापता हैं।
एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट, करम सिंह ने बताया कि बादल फटने घटना के बाद लगभग 20-25 घर और 40-42 लोग बह गए हैं। भारतीय सेना के साथ एनडीआरएफ की दो टीमें यहां मौजूद हैं। हम लगातार खोज एवं बचाव अभियान चला रहे हैं ।
इधर भूस्खलन से हजारों लोग फंस गए। NDF, SDRF और पुलिस ने चार हजार यात्री को विभिन्न स्थानों पर निकाला। हेलीकॉप्टर से लगभग 700 लोग सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किए गए।
उत्तराखंड के धारचूला के न्यू सोबला गांव में भी बादल फटने से लागुथान नाला उफान पर आ गया है। केंद्रीय सरकार ने हालात को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए एक चिनूक और MI-17V5 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
इधर, केरल के वायनाड में आई भूस्खलन की घटना के बाद अब भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है। चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान जारी है।केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, इस हादसे में अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है।
केरल के कानून एवं व्यवस्था एडीजीपी एमआर अजित कुमार ने बताया कि पिछले चार दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है। भारतीय सेना, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान समूह सहित नौसेना इन सभी क्षेत्रों में काम कर रही है। राजस्व विभाग अभी भी डेटा इकट्ठा करने और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि यहां कितने लोग हैं और कितने लोग लापता हैं। हमने अब तक 200 से अधिक शव बरामद किए हैं।