बांग्लादेश छोड़ने के बाद दिये अपने पहले बयान में शेख हसीना ने अपने पिता की मूर्ति को खंडित किये जाने पर दुख जताया है और अपने लिये न्याय की मांग की है। दूसरी ओर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना और उनके कुछ करीबियों के खिलाफ हत्या का मामला चलाने का निर्देश दे दिया है। इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक हिंदुओं से मुलाकात कर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिलाया है। देखा जाये तो बांग्लादेश में जीवन धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है लेकिन देश के भविष्य पर अब भी अनिश्चय के बादल छाये हुए हैं क्योंकि अभी यह साफ नहीं है कि कब चुनावों की घोषणा की जायेगी।
जहां तक शेख हसीना के बयान की बात है तो आपको बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने “न्याय” की मांग करते हुए कहा है कि हाल के ‘‘आतंकवादी कृत्यों’’, हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की जांच कर उनकी पहचान की जानी चाहिए तथा उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में शेख हसीना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश में जुलाई से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है। हम आपको बता दें कि अमेरिका में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे साजिब वाजेद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने हैंडल पर मां का बयान पोस्ट किया जो बांग्ला भाषा में है।
बयान में शेख हसीना ने कहा, ‘‘मैं छात्रों, शिक्षकों, पुलिस कर्मियों, गर्भवती महिलाओं, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, आम लोगों और कई प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों की मौत पर दुख व्यक्त करती हूं।” हसीना ने कहा, “मैं अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती हूं, जो अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं इन हत्याओं और आतंकवादी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए उचित जांच और उन्हें उचित सजा देने की मांग करती हूं।”