ट्रंप की सख्त चेतावनी: अमृतसर में ही क्यों उतरा C-17 विमान?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ‘Laken Riley Act’ पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के तहत, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को तत्काल निर्वासित करने का अधिकार संघीय अधिकारियों को मिल गया है। इसी कानून के चलते 104 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया, जिन्हें अमेरिकी वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान से भारत भेजा गया।
अमृतसर में ही क्यों उतरा विमान?
विमान को दिल्ली या अन्य बड़े शहरों की बजाय अमृतसर में उतारने का फैसला अमेरिकी प्रशासन द्वारा जानबूझकर लिया गया। इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण था – यदि विमान ऐसे शहरों में उतरता, जहां अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास मौजूद हैं, तो निर्वासित लोग वहां शरण की गुहार लगा सकते थे। इससे अमेरिका को कूटनीतिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता था। इसलिए, अमृतसर को लैंडिंग स्थल के रूप में चुना गया।
ट्रंप की चेतावनी और सख्त नीति
अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे अवैध प्रवासियों को अमेरिका में बर्दाश्त नहीं करेंगे और ऐसे मामलों में आक्रामक कार्रवाई जारी रहेगी।
राजनीतिक विवाद भी गहराया
इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “निर्वासित लोगों में विभिन्न राज्यों के लोग थे, लेकिन विमान को जानबूझकर अमृतसर में उतारा गया, ताकि पंजाब की छवि खराब की जा सके।” कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार से सवाल किया कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया?
सैन्य विमान से निर्वासन – पहली बार हुआ ऐसा
अमेरिका ने इस बार निर्वासन के लिए सैन्य विमान (C-17 ग्लोबमास्टर) का उपयोग किया, जो पहले कम ही देखने को मिला था। यह कदम अमेरिकी आव्रजन नीति में कठोरता को दर्शाता है।
आगे क्या?
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के लिए हालात मुश्किल हो सकते हैं। ट्रंप प्रशासन की नीतियों को देखते हुए आगे भी ऐसे कई और निर्वासन देखने को मिल सकते हैं।