Total Users- 671,092

spot_img

Total Users- 671,092

Saturday, March 22, 2025
spot_img

जानें तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन का महत्वपूर्ण संबोधन: कश्मीर का उल्लेख न करते हुए गाज़ा पर ध्यान केंद्रित


तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन ने UNGA में अपने संबोधन में कश्मीर का उल्लेख नहीं किया और गाज़ा में मानवता संकट पर जोर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे के कारण और प्रभाव।


तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन में कश्मीर का उल्लेख नहीं किया, जो 2019 में अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद से उनकी ओर से इस मुद्दे पर पहली बार चुप्पी है।

एर्दोगन ने मंगलवार को अपने 35 मिनट के भाषण में गाज़ा में मानवता संकट पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ इस्राइली हमलों के चलते 40,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। एर्दोगन का यह भाषण इस साल के UNGA सत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि वह पहले हर वर्ष इस मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं।

कश्मीर का मुद्दा

2019 में, भारत ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से, एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाया था, और भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन किया। उनके लिए यह विषय न केवल तुर्की के मुस्लिम समुदाय के प्रति संवेदनशीलता दिखाने का एक अवसर था, बल्कि यह उनके विदेश नीति का भी एक हिस्सा था।

इस बार, एर्दोगन ने कश्मीर का कोई उल्लेख नहीं किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक रणनीतिक बदलाव हो सकता है, जो तुर्की की विदेश नीति में व्यापक बदलाव का संकेत दे रहा है।

गाज़ा पर ध्यान केंद्रित करना

एर्दोगन ने अपने भाषण में गाज़ा में चल रहे संघर्ष पर विशेष ध्यान दिया, जहाँ इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के चलते मानवता संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा, “गाज़ा में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस संकट को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

गाज़ा के मुद्दे पर एर्दोगन की भावनाएँ स्पष्ट थीं, और उन्होंने इसे तुर्की की प्राथमिकताओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि तुर्की हमेशा गाज़ा के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और उनकी आवाज़ को उठाएगा।

भारत-तुर्की संबंधों पर प्रभाव

एर्दोगन के इस कदम का भारतीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय अधिकारियों ने एर्दोगन की हर वर्ष की कश्मीर संबंधी टिप्पणियों को गंभीरता से लिया है। इस वर्ष कश्मीर के उल्लेख की अनुपस्थिति को एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है, जो भारत-तुर्की संबंधों में सुधार का सूचक हो सकता है।

भारत ने तुर्की के साथ संबंधों को हमेशा महत्वपूर्ण माना है, और एर्दोगन के इस बदलाव से यह संकेत मिलता है कि तुर्की अब कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने से बच रहा है।

संभावित कारण

  1. आंतरिक और बाहरी दबाव:
    तुर्की को कई आंतरिक और बाहरी दबावों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें आर्थिक संकट और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की निरंतर मांग शामिल है।
  2. ध्यान केंद्रित करना:
    एर्दोगन ने गाज़ा पर ध्यान केंद्रित कर यह संकेत दिया है कि तुर्की का उद्देश्य अब अधिक मानवीय मुद्दों की ओर बढ़ना है, जो उनके राजनीतिक लक्ष्यों के साथ मेल खाता है।
  3. भविष्य की रणनीति:
    यह संभव है कि एर्दोगन ने अपनी विदेश नीति को पुनर्गठित किया है, जिसमें गाज़ा का संकट एक प्रमुख तत्व बन गया है।

निष्कर्ष

एर्दोगन का UNGA में कश्मीर का उल्लेख न करना और गाज़ा पर ध्यान केंद्रित करना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव का संकेत है। यह दर्शाता है कि तुर्की की विदेश नीति में नए दिशा-निर्देश आ रहे हैं।

कश्मीर के मुद्दे पर चुप्पी और गाज़ा की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में जटिलताओं को दर्शाता है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि एर्दोगन की यह रणनीति तुर्की की विदेश नीति और भारत-तुर्की संबंधों को किस दिशा में ले जाती है।

इस प्रकार, एर्दोगन का यह भाषण न केवल तुर्की के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

More Topics

अमानका रायपुर के पास घूमने योग्य प्रमुख पर्यटन स्थल

अमानका, रायपुर के निकट, कई आकर्षक पर्यटन स्थल स्थित...

मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ श्रद्धा और आस्था का पवित्र स्थल

मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के...

दुर्ग का प्रसिद्ध चंडी माता मंदिर आस्था और ऐतिहासिक महत्व

दुर्ग, छत्तीसगढ़ में स्थित चंडी माता मंदिर एक प्राचीन...

किक के सीक्वल पर Jacqueline ने दिया बड़ा अपडेट

मुंबई | जैकलिन फर्नांडीस, जो सलमान खान के साथ...

अभिषेक ने Hockey India फॉरवर्ड ऑफ द ईयर अवार्ड बरकरार रखने पर विचार व्यक्त किया

Delhi दिल्ली: अर्जुन पुरस्कार विजेता अभिषेक को एक बार...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े