चीन भारत के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रच रहा है, जिसका मकसद भारत को तीन अलग-अलग मोर्चों पर घेरना है। अगर चीन इस रणनीति में सफल होता है, तो भारत को गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। चीन का खुफिया नेटवर्क, राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS), पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ मिलकर दक्षिण एशिया के सुरक्षा संतुलन को बदलने की कोशिश कर रहा है।
तीन मोर्चों पर भारत को घेरने की रणनीति
चीन और पाकिस्तान का गठबंधन अब सिर्फ राजनयिक दोस्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सशक्त रणनीतिक साझेदारी में बदल चुका है। अब चीन पाकिस्तान के जरिए बांग्लादेश पर भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य भारत को चारों ओर से घेरकर दबाव बनाना है।
बांग्लादेश में चीन की गहरी साजिश
भारत की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए चीन एक बड़े खेल की तैयारी कर रहा है। भारत की सीमाएं चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश से सीधे जुड़ी हुई हैं। ऐसे में अगर किसी एक मोर्चे पर तनाव बढ़ता है, तो भारत को तीन तरफ से दबाव का सामना करना पड़ सकता है। चीन की यह रणनीति भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही है।
म्यांमार और हिंद महासागर में चीन की नई चाल
चीन की साजिश सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश तक सीमित नहीं है। अब वह म्यांमार सीमा पर भी भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश कर रहा है। म्यांमार में अस्थिरता का फायदा उठाकर चीन भारत पर रणनीतिक दबाव बना सकता है। इसके अलावा, मालदीव के जरिए हिंद महासागर में भी चीन अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जिससे भारत के दक्षिणी क्षेत्र में भी तनाव बढ़ने की आशंका है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी: भारत के लिए बढ़ता खतरा
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब वैश्विक राजनीति में अस्थिरता फैलाने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक बन चुकी है। अमेरिकी अधिकारियों का भी मानना है कि चीन की यह आक्रामक नीति पूरी दुनिया के लिए खतरा है। अब चीन की खुफिया गतिविधियां पाकिस्तान से आगे बढ़कर बांग्लादेश तक पहुंच गई हैं, जिससे भारत को और गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान बना चीन का लॉन्चिंग पैड
चीन बांग्लादेश पर सीधे प्रभाव डालने की बजाय पाकिस्तान को एक लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। चीन को यह अच्छी तरह पता है कि अगर वह सीधे बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है, तो इसका भारत को कूटनीतिक फायदा मिल सकता है। इसी कारण, चीन ने पाकिस्तान के जरिए बांग्लादेश में अपनी पैठ बनाने की नई रणनीति तैयार की है।
भारत के लिए बढ़ती चुनौतियां
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व वर्तमान में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चीन की गहरी साजिश काम कर रही है। चीन पाकिस्तान के माध्यम से बांग्लादेश को अपने पक्ष में करना चाहता है, ताकि भारत पर चारों ओर से दबाव बनाया जा सके।
भारत को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश गठबंधन को कमजोर करने के लिए कूटनीतिक और सामरिक कदम उठाने होंगे। भारत को अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर इस खतरे से निपटने के लिए ठोस नीति तैयार करनी होगी। साथ ही, म्यांमार और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करनी होगी, ताकि चीन की इस चतुर रणनीति को नाकाम किया जा सके।