अब्दुल रहमान मक्की, जो हाल ही में दिल का दौरा पड़ने से लाहौर में निधन हो गया, पाकिस्तान में आतंकवाद के कुख्यात चेहरों में से एक था। वह जमात-उद-दावा (जेयूडी) का उप प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का साला था। मक्की लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की गतिविधियों में गहराई से शामिल था और इसे फंडिंग जुटाने तथा आतंकवाद से जुड़े अन्य कार्यों के लिए जाना जाता था।
मक्की का जीवन और उसकी गतिविधियाँ:
- जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि: मक्की का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था। वह हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और उसका साला था।
- आतंकवाद में भूमिका: मक्की ने लश्कर-ए-तैयबा और जेयूडी में अहम पद संभाले और आतंकवाद के वित्तपोषण में सक्रिय रहा। वह लश्कर की गवर्निंग बॉडी “शूरा” का सदस्य था।
- भारत विरोधी बयानबाजी: मक्की भारत विरोधी भाषणों के लिए कुख्यात था। उसने भारतीय सुरक्षा बलों और कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर भड़काऊ बयान दिए।
- मुंबई हमले में भूमिका: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के लिए आतंकियों को फंड मुहैया कराने का मक्की पर आरोप है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
वैश्विक आतंकवादी घोषित:
- संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका का प्रतिबंध:
- 2010 में, अमेरिकी वित्त विभाग ने मक्की को “खास तौर पर नामित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी” घोषित किया।
- 2023 में, संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया, जिससे उसकी संपत्तियाँ जब्त की गईं और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
अन्य घटनाएँ:
- 2020 में, मक्की को पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में छह महीने की सजा दी थी।
- मक्की का बेटा, ओवैद रहमान मक्की, 2017 में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में मारा गया था।
मक्की की मौत पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों और आतंकवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।