बिहार और उड़ीसा (अब ओडिशा) एक ही राज्य के हिस्से हुआ करते थे, लेकिन उड़ीसा ने 1 अप्रैल 1936 को बिहार से अलग होकर एक अलग राज्य का दर्जा प्राप्त किया। इसे भारतीय उपमहाद्वीप के ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था, जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था।
आगे पढ़ेइस अलगाव का मुख्य कारण था कि उड़ीसा की अलग पहचान, संस्कृति और भाषा थी, जो बिहार से अलग थी। उड़ीसा के लोग ओडिया भाषा बोलते थे, जबकि बिहार में मुख्य रूप से हिंदी और बिहारी भाषाएँ बोली जाती थीं। उड़ीसा की क्षेत्रीय पहचान को मान्यता देते हुए उसे एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया था।
इस प्रकार, 1936 में उड़ीसा को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व मिला और तब से यह एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में है।
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