ब्रिटिश शासन का भारत में इतिहास लगभग दो सौ सालों का था, जो 1757 से 1947 तक फैला हुआ है। यह काल भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रभुत्व का था। इस अवधि में ब्रिटेन ने भारत में अपने शासन का विस्तार किया, जिसका प्रभाव भारतीय समाज, राजनीति, और अर्थव्यवस्था पर गहरा पड़ा। निम्नलिखित बिंदुओं में इस इतिहास को समझाया गया है:
ब्रिटिश शासन की शुरुआत (1757):
- प्लासी की लड़ाई (1757): ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1757 में प्लासी की लड़ाई में सिराजुद्दौला, बंगाल के नवाब, को हराया। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में सत्ता स्थापित की और धीरे-धीरे पूरे भारत में अपनी पकड़ मजबूत की।
- बंगाल का पतन: ब्रिटिश शासन की शुरुआत बंगाल से हुई थी। यहां की समृद्धि को लूटकर ब्रिटिशों ने अपनी ताकत बढ़ाई।
ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन (1757-1857):
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर व्यापार के बहाने शासन करना शुरू किया। उन्होंने भारतीय राजाओं और नवाबों के बीच आपसी विवादों का फायदा उठाया और कई राज्यों को अपनी सत्ता में लिया।
- आर्थिक शोषण: ब्रिटिशों ने भारत के प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर शोषण किया। भारतीय कच्चे माल को ब्रिटेन भेजा जाता था, और तैयार सामान भारत में ही महंगे दामों पर बेचे जाते थे।
1857 का विद्रोह:
- 1857 में भारतीय सैनिकों और आम जनता ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया। इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला बड़ा संघर्ष माना जाता है। हालांकि यह विद्रोह विफल हो गया, लेकिन इससे ब्रिटिश शासन की नींव में दरारें आ गईं।
- ब्रिटिश शासन का परिवर्तन: 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण समाप्त कर दिया और भारत पर सीधे ब्रिटिश शासन की शुरुआत की।
ब्रिटिश शासन का बढ़ता प्रभाव (1858-1947):
- रेलवे और संचार: ब्रिटिशों ने भारत में रेलवे, डाक, और टेलीग्राफ जैसी सुविधाओं का निर्माण किया, जो कि व्यापार और प्रशासन की दक्षता को बढ़ाने में सहायक थे।
- अर्थव्यवस्था और समाज: ब्रिटिशों ने भारत की पारंपरिक अर्थव्यवस्था को बदलकर एक ब्रिटिश-निर्मित औद्योगिक अर्थव्यवस्था की नींव रखी। इस दौरान भारतीय उद्योगों को भी नुकसान हुआ और गरीबों की संख्या बढ़ी।
- संविधान और प्रशासन: ब्रिटिशों ने भारतीय प्रशासन में अपनी पकड़ मजबूत की और भारतीयों को राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा।
स्वतंत्रता संग्राम:
- गांधी जी का नेतृत्व: महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। उनका आंदोलन अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित था।
- विभाजन और स्वतंत्रता (1947): 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन इसके साथ ही भारत का विभाजन भी हुआ, जिससे पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
ब्रिटिश शासन का प्रभाव:
- संविधान: ब्रिटिश शासन ने भारतीय संविधान के आधार के रूप में एक केंद्रीयकृत प्रशासन की नींव रखी, जिसे बाद में भारतीय स्वतंत्रता के बाद अपनाया गया।
- शिक्षा: ब्रिटिशों ने भारतीय समाज में शिक्षा को बढ़ावा दिया, लेकिन यह शिक्षा प्रणाली भारतीय संस्कृति और समाज के अनुरूप नहीं थी।
- राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष: ब्रिटिश शासन ने भारतीय समाज में विभिन्न जातियों, धर्मों और वर्गों के बीच राजनीतिक और सामाजिक असंतुलन पैदा किया, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रमुख संघर्षों का कारण बने।
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में कई विकास हुए, लेकिन इनसे अधिक नुकसान हुआ। भारतीयों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया, और अंततः 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की।
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