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Wednesday, May 14, 2025
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दिमाग के बाएं हिस्से से सोचने वाले बचत कर पाते हैं , दाएं से सोचने वाले बेफिक्र

बुरे दिनों या आपात समय के लिए पैसे बचाना इस बात पर निर्भर करता है कि आप आखिर दिमाग के किस हिस्से से सोचते हैं यानी दिमाग के दाएं या बाएं भाग से सोचने से तय होता है आपमें संचय की वृत्ति कितनी और कैसे होगी। यह खुलासा नये अध्ययन से हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग अपने दिमाग के दाएं हिस्से का सोचने के लिए इस्तेमाल करते हैं वे अपेक्षात रचनात्मक तो होते हैं पर व्यवहार में बड़े ही फक्कड़पन लिए होते हैं। वे आज पर जीना चाहते हैं और क्रेडिट कार्ड के कर्ज के बारे में सोचते तक नहीं। वे बचत भी नहीं करना चाहते। वहीं पाया गया कि वे लोग जो अपने दिमाग के बाएं हिस्से का इस्तेमाल करते हैं वे गहरे तक सोचते हैं उनकी सोच सकारात्मक होती है वे व्यवहार में भी तर्कसंगत दिखाई देते हैं और बड़ी चतुराई से अपने वित्त प्रबंधन में लगे रहते हैं। इस बात के लिए अध्ययन हार्डफोर्डशायर यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर कैरेन पाइन ने 500 सवालों की एक सूची बनाई और लोगों से इस बाबत पड़ताल की तो पाया कि दिमाग के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल करना ही इस तरह की प्रवृति होने न होने को निर्धारित करता है।सवालों की यह सूची एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने तैयार की थी । दिमाग को कसरत करा डालने वाले सवालों के इस्तेमाल कर कैरन कहती हैं कि मैने पाया कि हर तीन में से एक ही सही जवाब दे पा रहा था और वे भी सब दिमाग के बाएं हिस्से का इस्तेमाल करने वाले निकले। जवाब देने वालों में ज्यादातर ने गलत जवाब दिया। दरअसल उन्होने सवाल को उस तरह से समझा ही नहीं जैसा कि उन से पूछा गया था और जब उनसे उनकी सेंिवंग या बचत के बारे में पूछा गया तो जवाब मिला कि उनकी कोई खास बचत नहीं हो पाती उलटे लगभग वे सभी क्रेडिट कार्ड के कर्ज से लदे हैं। उनकी भविष्य को लेकर पैसों पर आधारित कोई योजना भी नहीं है। पाइन ने साइकोनामिक नामक किताब भी लिखी है जिसमें उन्होने विस्तार से अपने अध्ययन के नतीजों पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है रियेक्टिव वे लोग होते हैं जो किसी भी तरह उनके दिमाग में आने वाले पहले जवाब को दबा नहीं पाते और न ही वे किसी भी ऐसी बात के पीछे अपना श्रम और पैसा लगाते जिसमें शार्ट टर्म फायदा नहीं होता हो। ऐसे लोगों को पुअर मनी मैनेजमेंट वालों की श्रेणी में डाला जा सकता है वे आज में जीते हैं और अपने निवेश के ज्यादा रिटर्न की खास परवाह नहीं करते इसके उलटे जो लोग दिमाग के बाएं हिस्से से सोचते हैं उनका मनी मैनेजमेंट अपेक्षात बेहतर होता है और वे हमेशा अपने निवेश से ज्यादा रिटर्न की जुगत लगाते रहते हैं।

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