भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति को नया आयाम मिलने वाला है। एलन मस्क की अगुवाई वाली टेस्ला ने देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए टेस्ला की पहली पसंद बनकर उभरा है, जबकि टाटा मोटर्स के साथ संभावित साझेदारी की चर्चा भी तेज हो रही है।
महाराष्ट्र क्यों बना टेस्ला की पहली पसंद?
महाराष्ट्र, विशेष रूप से पुणे, पहले से ही टेस्ला के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। कंपनी का एक ऑफिस और कई सप्लायर्स पहले से यहां मौजूद हैं। सरकार ने चाकन और चिखली जैसे प्रमुख ऑटोमोटिव हब में संभावित साइट्स का प्रस्ताव दिया है। यहां पहले से ही मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वोक्सवैगन और बजाज ऑटो जैसी दिग्गज कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स मौजूद हैं।
टाटा मोटर्स से संभावित साझेदारी?
रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला ने टाटा मोटर्स के अधिकारियों से संभावित सहयोग के लिए बातचीत शुरू कर दी है। टाटा मोटर्स भारत में एक प्रमुख ईवी निर्माता है, और यह साझेदारी दोनों कंपनियों को भारतीय बाजार में बड़ा लाभ दिला सकती है।
आगे पढ़ेभारत में निवेश को लेकर टेस्ला की रणनीति
टेस्ला भारतीय बाजार में एंट्री को आसान बनाने के लिए सरकार से ईवी पर आयात शुल्क में छूट की मांग कर रहा है।
- 2021 में, टेस्ला ने मुंबई में एक शोरूम और कार्यालय खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार द्वारा टैक्स छूट न दिए जाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।
- 2024 में, भारत सरकार ने एक अपडेटेड ईवी पॉलिसी पेश की, जिसमें न्यूनतम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने वाली कंपनियों को ड्यूटी राहत की पेशकश की गई।
- टेस्ला ने हाल ही में मुंबई और दिल्ली में 13 नई भर्तियों के लिए लिंक्डइन पर वैकेंसी भी पोस्ट की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी जल्द ही भारत में अपनी सेल्स और सर्विस नेटवर्क स्थापित कर सकती है।
चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा और भारत का महत्व
एलन मस्क की भारत में निवेश को लेकर योजनाएं पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में हैं। 2024 में, मस्क से उम्मीद थी कि वे भारत यात्रा के दौरान बड़े निवेश की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने यात्रा रद्द कर चीन का दौरा किया। इससे भारत सरकार की टेस्ला को लेकर नीति और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
क्या टेस्ला भारत में नया युग शुरू करने वाली है?
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो जल्द ही भारत की सड़कों पर टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें दौड़ती नजर आएंगी। महाराष्ट्र सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है, क्योंकि वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पहले ही दूसरे राज्यों में जा चुके हैं। प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टेस्ला वास्तव में महाराष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करती है या किसी अन्य राज्य को चुनती है।
भारत में ईवी क्रांति के इस नए अध्याय पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। टेस्ला की एंट्री भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है!
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