छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ शुरू किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस अभियान को राज्य में बड़ी सफलता मिली है। यह पहल वन संरक्षण, जल संसाधनों की शुद्धता, जैव विविधता की रक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करना है। इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा जा रहा है।
अभियान की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ ने ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ में राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य ने स्ट्राइक रेट लक्ष्य में देशभर में तीसरा स्थान और कुल प्रकृति परीक्षण मानकों में नौवां स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ को केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव के हाथों प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
अब तक की उपलब्धियां
- वृक्षारोपण अभियान : छह महीनों में 50 लाख से अधिक पौधे लगाए गए।
- जल संरक्षण परियोजनाएं : 1000 से अधिक तालाबों और जल स्रोतों का पुनर्जीवन।
- जैव विविधता संरक्षण : दुर्लभ वनस्पतियों और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू।
- सामुदायिक भागीदारी : 5000 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों और पंचायतों की भागीदारी।
सरकार और जनता की भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “प्रकृति परीक्षण अभियान केवल सरकार की योजना नहीं है, बल्कि यह जनता के सहयोग से सफल हो रहा है।” राज्य में गांवों के स्थानीय लोगों को इस अभियान से जोड़ा गया है ताकि वे अपने पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक हों।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयास
- वन्यजीव संरक्षण : बाघ, हाथी, गौर, भालू, हिरण जैसी दुर्लभ प्रजातियों की सुरक्षा के लिए कैमरा ट्रैपिंग और जीपीएस ट्रैकिंग का उपयोग।
- औषधीय पौधों का संरक्षण : गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, इंद्रावती टाइगर रिजर्व और अचानकमार टाइगर रिजर्व में संरक्षण कार्य।
- जल संसाधनों की सुरक्षा : हसदेव, शिवनाथ और इंद्रावती नदियों की सफाई और जल गुणवत्ता परीक्षण।
- जलवायु परिवर्तन अध्ययन : तापमान परिवर्तन और वर्षा पैटर्न का विश्लेषण, कार्बन फुटप्रिंट में कमी के प्रयास।
- नवीकरणीय ऊर्जा : सौर ऊर्जा और बायोगैस संयंत्रों का विस्तार।
छत्तीसगढ़ का भविष्य : हरित और स्वच्छ राज्य की ओर
छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिली है। आने वाले वर्षों में, यह अभियान राज्य की हरित संपदा को सुदृढ़ करेगा और सतत विकास को सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।