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Thursday, July 17, 2025
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सिद्ध होता संकल्प विकसित भारत का अमृत काल – बेमिसाल ग्यारह साल

“विकसित भारत का अमृत काल एक और सेवा सुशासन एवं गरीब कल्याण के 11 साल एक।”

पूरब टाइम्स रायपुर। ये एक और एक मिलकर ग्यारह का इफेक्ट देने वाली पंक्ति बयां करती है, राष्ट्र निर्माण के हमारे सिद्ध होते संकल्पों को! जिसकी परिकल्पना कभी हमारे संस्थापकों ने की थी, जिसे साकार करने में आज हम प्राण-प्रण से जुटे हुए हैं, दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय सफल नेतृत्वकर्ता पीएम मोदी के सतत एवं निर्भीक नेतृत्व के साथ!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरे कार्यकाल का सफल एक वर्ष और विगत ग्यारह वर्षों के नेतृत्व निरंतरता में हमने जो हासिल किया है, उसकी फेहरिस्त लंबी है, परंतु ताजा परिवेश में देखें तो कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आज का भारत समृद्धिपथगामी, चपल एवं निर्भीक होकर विकास के सोपान तय कर रहा है। अपनी संस्कृति एवं संस्कार को सहेजते हुए दुनिया के समक्ष अपने स्वाभिमान के साथ बने रहना पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राजग की सरकार ने साबित किया है। आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पीएम मोदी की सरकार सिर्फ कहती ही नही, इसका शब्दश: पालन भी करती है। स्वतंत्रता के बाद से हिंदुस्तान के लोकतंत्र में निरंतर ग्यारह वर्षों तक विकास के नित्य नए सोपान तय करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त सरकार मोदी जी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। इस उपलब्धि के साथ आतंकवाद के खिलाफ आज भारत सरकार की घर में घुसकर मारने की नीतियां पूरी दुनिया को अचंभित कर रही है। पाकिस्तान के दुस्साहस का जिस अंदाज में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की जांबाज सेना ने जवाब दिया है, वह एक निर्भीक और सक्षम, निर्णय लेने वाली नेतृत्व के तले ही संभव है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत के सेना के शौर्य की सफलता है। नमन हिंद की सेना को! साथ ही विचार करें कि क्या आज हम आतंकवाद की घटनाओं पर प्रतिक्रिया में 360 डिग्री का परिवर्तन नहीं देख पा रहे हैं? जरूर देख पा रहे हैं, पहले घटनाएं याद रखी जाती थी अब प्रतिक्रिया। यही अंतर है जो स्पष्ट है, आज और बीते कल के नेतृत्व के मध्य! कायराना आतंकवाद की घटनाएं जिससे समूचा विश्व़ आज पीडि़त है, इस पर काबू पाने के हमारे वर्षों के प्रयास, फिर भी घटनाओं की पुनरावृत्ति। इस सबका जवाब देने का तरीका भारत ने ढूंढ लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंद की सेना ने आतंकवाद की मूल को समूचा नष्ट करने का जो कार्य किया है, उसने 130 करोड़ हिंदुस्तानियों को गर्व का अहसास कराया है।

ग्यारह वर्ष की उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त एक तरफ परन्तु दूसरी ओर पहलगाम की घटना जिसने हर हिंदुस्तानी की आंखों को नम किया। कायरों ने माता-बहनों के सिंदूर से छेडख़ानी करने की हिमाकत तो कर लिया! परंतु शायद स्वप्न में भी नहीं सोचे होंगे की सिंदूर के पीछे छिपी शक्ति जब जाग्रत होगी तो क्या कहर ढायेगी? पीएम मोदी ने दुनिया को बताया कि अपनी संस्कृति के साथ संस्कारों में रहते हुए हिंदुस्तान की सेना का प्रहार कैसे व्रज बनकर कहर ढा सकता है। 6 मई की रात जब बीती तो अलसुबह पूरी दुनिया ने देखा कि हिंदुस्तान की सरकार सिर्फ कहती ही नहीं कि- छेड़ेंगे नहीं और छेड़े फिर छोड़ेंगे नहीं।
130 करोड़ हिंदुस्तानियों को गर्व की अनुभूति कराने वाले हिंद की सेना और सेना के शौर्य के पीछे नेतृत्व पर का विश्वास, 3 दिनों में वो कर दिखाया, जिससे पूरी दुनिया का भूगोल बदल जाता। आज का वर्तमान हमें सबल नेतृत्व होने का अहसास कराती है जो कड़े फैसले लेती है, और बात यदि मानवता की आए तो लचीला होने में भी हिचक नहीं दिखाती। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 130 करोड़ भारतीयों के मन में भरोसा जीत पाने में सफलता हासिल की है। हम यूं ही नहीं कहते- विकसित भारत का अमृतकाल।
आज की ही उपलब्धि देख ले- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2011 से 2023 के बीच 27 करोड़ लोग हिंदुस्तान में अतिनिर्धनता से मुक्त हुए हैं। वर्षों से हम सुनते आ रहे हैं कि गरीबी हटाओ, परंतु गरीबी हटाने के सही प्रयास जो पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ हुए उनकी सार्थकता हम आज देख पा रहे हैं। भारत में अत्यधिक गरीबी दर जो 2011-12 में 27 प्रतिशत थी घटकर 2022-23 में 5-3 प्रतिशत रह गई है। यह भारत को गरीबी मुक्त बनाने की दिशा में अहम पड़ाव है। यह संभव हो पाया है, विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी सोच एवं उनके नेतृत्व में चलाई जा रही सरकारी पहल, तेज आर्थिक सुधारो एवं जरूरी सेवाओं तक सबकी पहुंच के चलते! भ्रष्टाचार, आतंकवाद और गरीब व गरीबी पर स्पष्ट सोच व नीति वाली नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की पूरी दुनिया के समक्ष आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चो पर नेतृत्व की नीतियां स्पष्ट है। हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं- हम एक अकेले हमले को भी कई हमले की तरह मानते हैं, जब तक आतंकवाद का समूल नाश नहीं हो जाता भारत शांत नहीं बैठेगा।
‘नकारात्मक शक्तियों के खिलाफ निर्भीक मुखरता वाली सरकार के मुखिया पीएम मोदी के नेतृत्व निरंतरता में हमने कोरोना काल में संवेदनशीलता की जहां झलक देखी, वहीं चंद्रयान 2, क्रिकेट विश्व कप में भारत की असफलता-सफलता पर प्रोत्साहन देने वाले उनके श्रेष्ठ, उनके नेतृत्वकर्ता होने का परिचय मिला। 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के दिल की आवाज हमारे आराध्य भगवान राम के भव्य मंदिर का आयोध्या में निर्माण, अनुच्छेद 370 का समापन, ट्रिपल तलाक एवं वक्फ कानून जैसे संशोधनों के साक्षी होने का हमें गौरव दिलाने वाले नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र के साथ-साथ अमृत काल की बेला में राज्य की 2.5 करोड़ जनता को भी अमृतपान अहसास कराया है।
छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली हमारी सरकार आज प्रदेश की 2.5 करोड़ जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है। विष्णु के सुशासन के तहत हमने प्रदेश की जनता की समस्याओं तक पहुंचकर उनका त्वरित निराकरण का प्रयास किया है। सुशासन तिहार 2025 पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवा की भावना से जुड़ी छत्तीसगढ़ सरकार की अनूठी पहल है, जिसके तहत 27 दिनों में 33 जिलों में मुख्यमंत्री और प्रशासन के विभिन्न अंग पहुंचे। प्रदेश की जनता जहां जनहितैषी प्रशासन के नए मॉडल से रूबरू हुई, वहीं आम जीवन में सरकार की जवाबदेही और तत्परता से सकारात्मक बदलाव देखने मिला।
अमृतकाल की बातें हम यूं ही नहीं करते, अगर छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखें तो आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत एनडीए सरकार के सक्रिय गृह मंत्री अमित शाह के साकार होते उस संकल्प की चर्चा आवश्यक है जिसका सर्वाधिक प्रभाव हमारे राज्य छत्तीसगढ़ पर पडऩे वाला है। देश के गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल खात्मा, इससे हम चंद कदम ही दूर हैं। छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ निर्णायक और अंतिम प्रहार चल रहा है। राज्य में माओवाद के खिलाफ संतुलित और सुनियोजित अभियान के साथ सुरक्षा बल एवं राज्य सरकार समन्वित रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। बीते दिनों हमने आतंक का पर्याय बने नक्सली संगठन के कमोबेश सभी बड़े नाम तथाकथित कमांडरों की लाशें देखी है। अंतिम सांसें गिन रहे नक्सलवाद की राज्य में वर्तमान दुर्गति वाली हालत संभव हो पाया है- केंद्र और राज्य में मजबूत इच्छा शक्ति वाले नेतृत्व के चलते।

प्रदेश के आदिवासियों का शोषण करने वाले नक्सलवाद को जड़ से नष्ट करने के लिए सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ विकास कार्यों, स्थानीय आबादी की विश्वास बहाली और आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के पुनर्वास पर जोर दिया जा रहा है, परिणाम हम सबके समक्ष है, आज हर दिन अखबारों की सुर्खियों में आत्मसमर्पित या मार गिराए गए नक्सलवादियों के समाचार हैं। प्रदेश की जनता वर्षों से झेलते आ रहे इस दंश से मुक्त होने जा रही है।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वर्तमान में देशव्यापी कृषि संकल्प अभियान के तहत किसान कल्याण के प्रयासों को अमलीजामा पहना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि 11 वर्षों के दौरान उनकी सरकार के पहल से किसानों की समृद्धि बढ़ी है और कृषि में बदलाव सुनिश्चित हुआ है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी जनसंख्या का अधिकांश कृषि कार्य में संलग्न है, प्रदेश की पहचान कभी धान के कटोरे की रही है, आज प्रदेश उन्नत और आधुनिक कृषि के हर क्षेत्र में अव्वल है। राज्य के किसान कैश क्रॉप को बढ़ावा दे रहे हैं, खाद्य पदार्थों के साथ-साथ सब्जी, फल-फूल और औषधि पौधों की खेती वृहद पैमाने पर छत्तीसगढ़ के कृषक कर रहे हैं। हमारी सरकार उन्नत और आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने हरसंभव प्रयास कर रही है।

“अमृतकाल का संकल्प है धान के कटोरे का गौरव, कटोरे भर धान के साथ लौटाना है। विकसित भारत का अमृतकाल 11 साल बेमिसाल उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबाइयों की सीमा से रहित है, चहुंओर उपलब्धि दृश्य है।” विकास की महत्वाकांक्षाओं और विनम्रता के अद्भुत संगम वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कश्मीर से कन्याकुमारी की धारणा को नए रूप में नए सिरे से पुष्ट किया है। दो दिनों पूर्व ही पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल चिनाब और अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। दुनिया की सबसे ऊंचे पुल से भारत के सबसे खूबसूरत घाटी कश्मीर तक की पहुंच का मार्ग सुगम किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तान की सरकार जम्मू कश्मीर का समग्र विकास करने और अपने इस अभिन्न भूभाग को हरसंभव तरीके से विकास के जरिए राष्ट्र की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध है।
पूरी दुनिया को योग दिवस के माध्यम से योग का संदेश देने वाले और रुबरु मुलाकात पर भगवत गीता की प्रति भेंट करने वाले पीएम मोदी के नेतृत्व में 11 वर्षों में हमने आजादी के अमृत मंथन को महसूस किया है। कड़े फैसलों पर विपरीत प्रतिक्रिया के विषपान से गुजरने वाली विकास की धारा अमृतपान के साथ दीर्घकालीन अमरता की दिशा में अनवरत बह रही है “विकास की धारा हमें समृद्धि की जहां झलक दिखला रही है, वहीं निर्धनता को दूर करने वाली गरीब कल्याण की योजनाएं आज पारदर्शी व्यवस्थाएं, बेहतर मॉनिटरिंग और सुचारू क्रियान्वयन के चलते सही मायने में बड़ी निर्धन आबादी वाले देश की पहचान को आत्मनिर्भर समृद्धिपथगामी विकसित भारत की पहचान में तब्दील कर रही है।”
इसलिए कहना लाजिमी है- “विकसित भारत का अमृतकाल सेवा सुशासन एवं गरीब कल्याण के ग्यारह साल बेमिसाल…”

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