छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दौरान बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाने के बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी 7 दिन की रिमांड मंजूर की गई है।
घोटाले का विवरण:
यह मामला 2017 में आबकारी नीति में बदलाव से शुरू हुआ। इसके तहत CSMCL के जरिए शराब बेचने की नीति अपनाई गई। लेकिन 2019 के बाद, इस घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त कराया। इसके बाद एक आपराधिक सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम और अन्य अवैध तरीकों से शराब बिक्री में भ्रष्टाचार कर राज्य को 2161 करोड़ रुपये के नुकसान पहुंचाया।
आगे पढ़ेED की कार्रवाई:
- 28 दिसंबर: कवासी लखमा और उनके बेटे के ठिकानों पर छापा, नकद लेनदेन के सबूत बरामद।
- 3 जनवरी: पूछताछ के बाद छोड़ा गया।
- 14 जनवरी: कवासी लखमा की गिरफ्तारी और रिमांड।
चार्जशीट के मुख्य बिंदु:
- शराब घोटाले में नकली होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री।
- CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप (केडिया, भाटिया और वेलकम) की शराब की बिक्री का सिंडिकेट।
- हर देशी शराब के केस पर 75 रुपये कमीशन का खेल।
छत्तीसगढ़ के इस बड़े घोटाले ने राज्य की आबकारी नीति और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मामले में अब तक कई अहम गिरफ्तारियां और खुलासे हुए हैं, जो जांच को और गहराई तक ले जा रहे हैं।
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