महापौर और एमआईसी सदस्य नगरीय ठोस अपशिष्ट मामले में स्पष्टीकरण कब देंगे ?
निगम के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विभाग की जवाबदेही सुनिश्चित कौन करवायेगा ?
सफाई कर्मियों के श्रमिक अधिकार संरक्षण मामले में ठेकेदार की अनियमितता कब रुकेगी ?
पूरब टाइम्स , भिलाई . संयुक्त भिलाई नगर पालिका निगम के समय से ही , उस पर पर्यावरण विभाग के नियमों के अनुसार नगरीय ठोस अपषिष्ट के निपटान के बारे में सवाल उठते रहते थे . पर्यावरण विभाग समाज सेवकों की शिकायतों पर केवल नोटिस देकर इतिश्री कर लेता था. पर्यावरण विभाग की इन नोटिसों पर निगम प्रशासन किसी भी तरह से ना ही अनुपालन करता था और ना ही प्रतिक्रिया देता था . परिणाम स्वरूप अनेक मामले एनजीटी ( नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ) तक पहुंचाये गये और भिलाई निगम पर करोड़ों रुपये की पेनाल्टी भी लगी . आज की स्थिति में भिलाई व रिसाली निगम की पर्यावरण संरक्षण संबंधित स्थिति बद से बदतर होती जा रही है . ऐसा लगता है कि कचरा प्रबंधन एक बहुत बड़ा घोटाला बनने लगा है . जिसका कारण है , ना तो उसकी स्पष्ट रिपोर्ट बनाई जाती है और ना ही किसी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है , यह सब निगम के उच्चाधिकारियों व शहर सरकार के पदाधिकारियों की शह व अनदेखी के बिना संभव नहीं है . वर्तमान में भी पर्यावरण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय की नोटिस को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और उनके द्वारा मांगी जाने वाली वार्षिक रिपोर्ट को लीपा पोती कर जमा करा दिया जाता है . सूत्रों के अनुसार, ठोस अपशिष्ट मामले को लेकर छ.ग. पर्यावरण विभाग इन निगमों पर बड़ी कार्यवाही भी कर सकता है क्योंकि इन निगमों की रिपोर्टों के आधार पर छ.ग. पर्यावरण विभाग , राष्ट्रीय पर्यावरण विभाग को अपनी वार्षिक रिपोर्ट देता है . अब देखने वाली बात यह होगी कि पर्यावरण विभाग का मुख्यालय क्या कार्यवाही करता है या फिर समाज सेवकों के द्वारा इस मामले को उचित मंच व अदालत में ले जाने से ही दोषियों पर कार्यवाही होगी , पूरब टाइम्स की एक रिपोर्ट …
रिसाली और भिलाई निगम महापौर कचरा प्रबंधन मामले की वस्तुस्थिति सार्वजनिक कब करेंगे ?
राज्य सरकार और प्रदेश का पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई कार्यालय विगत वर्षों से लगातार इस बात के लिए भिलाई और रिसाली निगम को प्रश्नांकित कर रहा है कि निगम द्वारा प्रतिदिन जनित किए जाने वाले ठोस अपशिष्ट का लेखा जोखा लेखबद्ध करके प्रावधानुसार प्रारूप में इसका विवरण वार्षिक प्रतिवेदन के तौर पर नगरीय प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन और छत्तीसगढ़ पर्यावरण विभाग एवं मंडल को प्रेषित करे लेकिन भिलाई और रिसाली निगम महापौर ऐसा नहीं करवा रहे है जिसका स्पष्ट सा कारण यह है कि महापौर निगम प्रशासन और सफाई ठेकेदारों की गड़बड़ियों को उजागर होने से रोकने की मंशा नहीं रखते है इसलिए आवश्यक है कि सफाई ठेके के दैनिक कार्य व्यवहार प्रावधानुसार सार्वजनिक किए जाय ।
स्वास्थ्य विभाग का एमआईसी प्रभारी लोकस्वास्थ्य संरक्षण को भ्रष्टाचार के हवाले करने की कार्य योजना का कार्यान्वयन कर रहे हैं क्या ?
नगरीय निकाय क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने की पदेन जिम्मेदारी निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एवं एमआईसी प्रभारी की होती है लेकिन भिलाई और रिसाली निगम के स्वास्थ्य अधिकारी अपने इस पदेन जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे हैं उनके द्वारा निगम के सफाई ठेकेदारों के दैनिक कार्यों का नियमानुसार दैनिक लेखा-जोखा तैयार कर सार्वजनिक किए जाने का कार्य नहीं किया जा रहा है जिसके कारण सफाई ठेका कार्य में अनियमिताओं को फलने फूलने का अवसर मिल रहा है ,परिणाम स्वरूप निगम को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है . उल्लेखनीय है कि इस अनियमितता का विपरीत प्रभाव सीधे तौर पर लोक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है जो कि व्यथनीय है ।
रिसाली और भिलाई के नगरीय कचरा का निपटान करने वाला ठेकेदार श्रम कानून की धज्जियां कब तक उड़ायेंगे?
भिलाई और रिसाली निगम क्षेत्र से निकलने वाले कचरा का प्रबंधन और निपटान करने वाले ठेकेदार श्रम कानून की धज्जियां उड़ाने का कार्य व्यवहार कर सफाई कार्य में नियोजित श्रमिकों के अधिकार को सुनिश्चित करवाने की अधिनियमित जिम्मेदारी पूरी करते नजर नहीं आ रहें है उल्लेखनीय है कि सफाई ठेकदार ऐसा अनियमित कार्य व्यवहार इसलिए करते नजर आ रहें है क्योंकि सफाई ठेकदारों की अनुबंधित जिम्मेदारी जिसमें लोकस्वास्थ्य संरक्षण और सफाई कर्मियों को संक्रमित बीमारियों से बचाव करने के प्रावधानित उपाय किया जाना अनिवार्य है इन अनुबंधित शर्तों का पालन करवाने के लिए भिलाई और रिसाली निगम के महापौर विफल हो रहें हैं उल्लेखनीय है कि महापौर अपना पदेन कर्तव्य पूरा कर सफाई ठेकेदारों के दैनिक ठेका कार्यों को सार्वजनिक नहीं कर रहे है जिसका विधि विरुद्ध फायदा सफाई ठेकेदारों को मिल रहा है और सफाई ठेकेदारों द्वारा गड़बड़ियों को अंजाम दिए जाने के महापौर द्वारा प्रदत विधि विरुद्ध अवसर का फायदा उठाया जा रहा है ।
सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के प्रावधानित उपाय ठेका अनुबंध और श्रम कानून में स्पष्ट किए गए है . जिसकी सुनिश्चितता श्रम विधि विवरणि रजिस्टर को लेखबद्ध किए जाने पर होती है परंतु वर्तमान स्थिति में सफाई कार्य में नियोजित श्रमिकों के विवरण वाला रजिस्टर सार्वजनिक पहुंच में नहीं होने से अनियमितताओं को प्रश्नांकित करना संभव नहीं हो पा रहा है जिसके विधिक निराकरण का प्रयास मेरे द्वारा किया जा रहा है .
अमोल मालूसरे,सामाजिक कार्यकर्ता