छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हाल ही में मरम्मत किए गए मोवा ओवरब्रिज की खराब गुणवत्ता ने सरकार को शर्मसार कर दिया। नई सड़क मात्र 24 घंटे में ही टूटने लगी, जिससे राज्य के उपमुख्यमंत्री और PWD मंत्री अरुण साव भड़क गए।
हाथ में उखड़ा डामर
मंत्री अरुण साव जब मौके पर पहुंचे और सड़क की जांच की, तो डामर उनके हाथों में ही उखड़ गया। यह देखकर उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने पूछा, “क्या इसी तरह से काम करवाते हो?”
आगे पढ़ेठेकेदार और इंजीनियरों पर गिरी गाज
ठेकेदार ने गलती मानते हुए काम सुधारने का वादा किया, लेकिन मंत्री ने सख्त लहजे में कहा, “सुधारकर कोई अहसान नहीं करोगे।” मौके पर मौजूद अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि कोई भुगतान न किया जाए और अगर हुआ तो संबंधित कर्मचारियों की सैलरी से वसूली होगी।
जांच के आदेश और कार्रवाई की तैयारी
PWD मंत्री ने IAS अधिकारी डॉ. कमलप्रीत सिंह को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया। साथ ही तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है। जांच में पाया गया कि डामरीकरण में तय मानकों का पालन नहीं हुआ और डामर को जरूरत से ज्यादा गर्म किया गया था। इससे गिट्टी सही तरीके से चिपक नहीं पाई।
मरम्मत का काम फिर शुरू
3 से 8 जनवरी तक चले मरम्मत कार्य की खामियों को अब दोबारा ठीक किया जा रहा है। अधिकारियों से पूछा जाएगा कि इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है। मंत्री ने साफ कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सड़क की स्थिति और प्रशासन की सख्ती ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं कि क्या निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जाएगी?
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