छत्तीसगढ़ नगर निकाय चुनाव 2025: भाजपा की बड़ी जीत, रायपुर में 15 साल बाद मेयर पद पर वापसी
छत्तीसगढ़ नगर निकाय चुनाव 2025 के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन किया है। राज्य के 10 नगर निगमों में से 6 पर भाजपा ने जीत दर्ज की, जबकि 4 अन्य सीटों पर भी पार्टी मजबूत स्थिति में है। सबसे बड़ी जीत रायपुर नगर निगम में देखने को मिली, जहां भाजपा ने 15 साल बाद महापौर पद पर कब्जा जमाया।
रायपुर में ऐतिहासिक जीत
राजधानी रायपुर में भाजपा प्रत्याशी मीनल चौबे ने कांग्रेस की दीप्ति दुबे को 1,38,418 वोटों से हराकर मेयर पद पर कब्जा कर लिया। यह जीत भाजपा के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि पिछले 15 वर्षों से इस पद पर कांग्रेस का कब्जा था।
अन्य प्रमुख नगर निगमों में भाजपा का दबदबा
- दुर्ग: भाजपा की अलका बाघमार ने कांग्रेस की प्रेमलता पोषण साहू को 67,000 वोटों से हराया।
- राजनांदगांव: भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव ने कांग्रेस के निखिल द्विवेदी को 43,500 वोटों से हराया।
- बिलासपुर: भाजपा की पूजा विधानी ने कांग्रेस के प्रमोद नायक को 66,179 वोटों से पराजित किया।
- अंबिकापुर: भाजपा की मंजूषा भगत ने कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की को 11,063 वोटों से हराया।
- चिरमिरी: भाजपा के रामनरेश राय ने कांग्रेस के विनय जायसवाल को 4,000 वोटों से शिकस्त दी।
- रायगढ़: भाजपा के जीववर्धन चौहान ने कांग्रेस की जानकी काटजू को 36,365 वोटों से हराया।
भाजपा की जीत के पीछे कारण
- स्थानीय मुद्दों पर जोर: भाजपा ने नगर निगम चुनावों में स्थानीय समस्याओं को प्रमुख मुद्दा बनाया और प्रभावी जनसंपर्क किया।
- राज्य सरकार की नीतियों का प्रभाव: मुख्यमंत्री विश्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में भाजपा सफल रही।
- मोदी सरकार की लोकप्रियता: केंद्र सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने भी भाजपा को मजबूती दी।
कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
कांग्रेस, जिसने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था, इस बार कमजोर साबित हुई। पार्टी को रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पार्टी के आंतरिक कलह और जमीनी स्तर पर प्रभावी रणनीति की कमी इसकी हार के मुख्य कारण रहे।
आगे की राह
छत्तीसगढ़ नगर निकाय चुनाव के इन नतीजों ने 2028 के विधानसभा चुनावों की राजनीतिक तस्वीर का संकेत देना शुरू कर दिया है। भाजपा इस जीत को राज्य स्तर पर अपने विस्तार के रूप में देख रही है, जबकि कांग्रेस को संगठन में सुधार की आवश्यकता है।
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