दंतेवाड़ा। जल जीवन मिशन के तहत जिले के दूरस्थ अंचलों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। विशेषकर महिलाओं को पानी के लिए घंटों मशक्कत करने से मुक्ति मिली है और वे अब स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रही हैं।
ग्राम पंचायत बालपेट के आश्रित ग्राम भैरमबंद निवासी सुमित्रा भास्कर बताती हैं कि पहले उन्हें पीने का पानी लाने के लिए मेन रोड पार कर दूर हैंडपंप तक जाना पड़ता था, जहां अन्य महिलाएं भी मौजूद रहती थीं। लंबी प्रतीक्षा के बाद पानी मिलता था और नहाने तथा कपड़े धोने के लिए उन्हें बच्चों के साथ नदी जाना पड़ता था।
सुमित्रा ने बताया कि दिनभर में 5 से 7 बार पानी लाना पड़ता था, जिससे पूरा दिन केवल पानी भरने और घरेलू कार्यों में ही गुजर जाता था। यही स्थिति गांव की अधिकांश महिलाओं की थी। लेकिन अब जल जीवन मिशन के तहत उनके घर में नल कनेक्शन हो गया है, जिससे सुबह 7 बजे से ही घर में स्वच्छ पानी मिल जाता है।
ग्राम भैरमबंद, जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 7 किमी दूर स्थित है, वहां 11.5 लाख रुपये की लागत से जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन और जीआई स्ट्रक्चर बिछाए गए हैं। गांव के 60 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं। साथ ही स्कूल और आंगनबाड़ी में भी अब शुद्ध पेयजल उपलब्ध है।
सुमित्रा भास्कर सरस्वती स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं और वर्तमान में लाईवलीहुड कॉलेज से फैशन डिजाइनिंग का प्रशिक्षण ले रही हैं। वह बताती हैं कि अब समय की बचत होने से वह बच्चों को स्कूल भेजने, घर का काम करने के बाद प्रशिक्षण के लिए समय पर निकल पाती हैं। भविष्य में वे अपने घर में ही सिलाई सेंटर खोलना चाहती हैं।
सुमित्रा ने बताया कि पहले दूषित पानी के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती थीं और इलाज पर खर्च भी बढ़ जाता था, लेकिन अब स्वच्छ जल की उपलब्धता से पूरा परिवार स्वस्थ है। उन्होंने शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन ने न केवल साफ पानी दिया, बल्कि उन्हें नया जीवन भी दिया है।
गांव की अन्य महिलाओं का भी मानना है कि जल जीवन मिशन ने उनके जीवन में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाया है। अब महिलाएं अपने समय का उपयोग स्वावलंबन और बच्चों की शिक्षा में कर पा रही हैं, जिससे गांव में एक सकारात्मक माहौल बना है।