रायपुर में चाइनीज मांझे से जुड़ी गंभीर समस्याओं और इसके खतरनाक परिणामों को उजागर करती है। पचपेड़ी नाका क्षेत्र में रविवार को 7 वर्षीय मासूम की मौत ने न केवल लोगों को झकझोर दिया, बल्कि चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर सख्त कदम उठाने की मांग को फिर से जोर दिया है।
घटना का विवरण:
रविवार शाम 5 बजे, मासूम अपने पिता के साथ गार्डन घूमने जा रहा था। इस दौरान अचानक उड़कर आए चाइनीज मांझे ने बच्चे के गले को बुरी तरह से काट दिया। आसपास के लोग तुरंत उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इलाज की कमी और वक्त पर मदद न मिलने के कारण रात 8 बजे अंबेडकर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
दूसरी घटनाएं:
- देवेंद्रनगर में एक महिला वकील चाइनीज मांझे से गंभीर रूप से घायल हुईं।
- बूढ़ापारा में एक युवक भी मांझे से घायल हो गया।
- संतोषी नगर में रहने वाले धनेश साहू (35), जो गाड़ी मैकेनिक हैं, भी इस समस्या से पीड़ित हुए।
प्रमुख समस्याएं:
- चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग प्रतिबंधित होने के बावजूद यह बाजार में उपलब्ध है।
- अस्पतालों में समय पर इलाज न मिलने से घायलों की स्थिति और गंभीर हो जाती है।
जरूरी कदम:
- चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना।
- अस्पतालों में आपातकालीन इलाज की सुविधाओं को बेहतर बनाना।
- जनता को चाइनीज मांझे के खतरों के प्रति जागरूक करना।
यह घटना न केवल प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को दर्शाती है, बल्कि समाज में सुरक्षा और जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है।
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