छत्तीसगढ़ में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया 11 जनवरी 2025 को पूरी हो गई, लेकिन इसमें ओबीसी वर्ग के लिए कोई आरक्षित पद नहीं दिया गया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रदेशभर में आंदोलन की धमकी दी है। पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने चुनाव को स्थगित करने की मांग की और कहा कि जब तक ओबीसी को उचित आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
आगे पढ़ेसाहू ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने जो 50% आरक्षण देने का वादा किया था, वह बस्तर और सरगुजा में पूरा नहीं हुआ। इस विवाद के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ओबीसी वर्ग को आरक्षण से वंचित रखने को भाजपा की नीयत पर सवाल उठाया और सरकार से अपनी नीतियों में बदलाव की अपील की।
पंचायत चुनाव के लिए आरक्षित सीटों में 16 सीटें आदिवासी (ST) वर्ग, 4 सीटें अनुसूचित जाति (SC) वर्ग और 13 सीटें सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। ओबीसी के लिए किसी भी सीट को आरक्षित नहीं किया गया, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने इसे असंवेदनशील और नाइंसाफी करार दिया है। कांग्रेस ने सरकार से संशोधित आरक्षण सूची जारी करने की मांग की है।
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