छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक बार फिर घमासान मच गया है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान खत्म होते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहीनता के आरोप में निकाले गए डेढ़ दर्जन कांग्रेस नेताओं का निष्कासन रद्द कर दिया। इस सूची में रायपुर उत्तर क्षेत्र से नगर निगम के पूर्व एमआईसी मेंबर अजीत कुकरेजा का नाम भी शामिल है, जिस पर पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने नाराजगी जताई है।
जुनेजा की नाराजगी: “पैसा खुदा से कम नहीं”
पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने अजीत कुकरेजा की वापसी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “पैसा खुदा तो नहीं, पर खुदा की कसम, खुदा से कम भी नहीं।” उनका आरोप है कि टिकट के लिए पैसों का लेन-देन हुआ है और पार्टी को इसकी जांच करनी चाहिए।
कुकरेजा का पलटवार: “मेरे खिलाफ कुछ नहीं, इसलिए आरोप”
अजीत कुकरेजा ने अपनी वापसी पर कहा कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के साथ काम किया और निकाय चुनाव में भी पार्टी के लिए मेहनत की। उन्होंने जुनेजा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मेरे खिलाफ कहने के लिए उनके पास कुछ नहीं है, इसलिए बार-बार पैसे लेकर टिकट खरीदने की बात कहते हैं।”
आगे पढ़ेनिष्कासन रद्द होने से कांग्रेस में उथल-पुथल
कांग्रेस आलाकमान ने विभिन्न जिलों के नेताओं का निष्कासन रद्द कर दिया है, जिनमें रायपुर से राजेश दुल्हानी, दिवाकर साहू, बिलासपुर से जसबीर गुब्बर, महासमुंद से विश्वजीत बेहरा, कांकेर से क्रांति नाग, बस्तर से बोमडा मंडावी, दंतेवाड़ा से मनोज मालवीय व नरेंद्र सुराना, बालोद से तुकाराम साहू, हलधर साहू, नूतन किशोर साहू, तुलेश साहू, सोहन साहू, खोमन सिन्हा, संध्या निषाद, प्रताप चंद्र साहू व रिखीराम साहू शामिल हैं।
क्या कांग्रेस में फिर बढ़ेगा विवाद?
पार्टी से निकाले गए नेताओं की वापसी ने रायपुर समेत पूरे प्रदेश में कांग्रेस के अंदर मतभेद बढ़ा दिए हैं। कुलदीप जुनेजा जैसे वरिष्ठ नेता खुलकर विरोध में आ गए हैं, जबकि अजीत कुकरेजा खुद को निर्दोष बताते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने की बात कह रहे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस नाराजगी को कैसे संभालता है।
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