बिलासपुर। गरीबों के लिए संजीवनी माने जाने वाली आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शहर के चार बड़े अस्पतालों – नोबल, महादेव, शिशु भवन और एलाइट हॉस्पिटल पर फर्जी क्लेम कर करोड़ों की गड़बड़ी करने का आरोप है। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में यह बड़ा खुलासा हुआ है।
स्वस्थ बच्चों को बताया कुपोषित, सरकारी पैसे की हेराफेरी
जांच में सामने आया कि इन अस्पतालों ने स्वस्थ नवजात शिशुओं को कुपोषित दिखाकर सरकार से अधिक राशि वसूली। इसके अलावा, मरीजों के इलाज के नाम पर भी फर्जी बीमा क्लेम किए गए।
14 टीमें बनाकर की गई छापेमारी
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के निर्देश पर हेल्थ कमिश्नर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने 14 टीमों का गठन कर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के अस्पतालों की जांच कराई। इस जांच में आयुष्मान योजना के तहत बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर हुईं।
हॉस्पिटल प्रशासन को नोटिस, होगी सख्त कार्रवाई
छापेमारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी चारों अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जल्द ही दोषी अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। सरकार की इस सख्ती से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है।
सरकार की योजना का दुरुपयोग कर गरीब मरीजों के नाम पर करोड़ों की गड़बड़ी करना गंभीर अपराध है। इस घोटाले से आयुष्मान योजना की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि दोषियों पर सरकार क्या कार्रवाई करती है!