छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के तहत बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में 120 करोड़ 34 लाख रुपए की धांधली पकड़ी गई है। इस फर्जीवाड़े के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि मध्य प्रदेश भी करीब 119 करोड़ 34 लाख रुपए की गड़बड़ी के साथ तीसरे नंबर पर है।
आयुष्मान भारत योजना में फर्जी क्लेम का पर्दाफाश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत फर्जीवाड़े के मामलों का बड़ा खुलासा हुआ है। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई (National Anti-Fraud Unit) ने विभिन्न निजी अस्पतालों के 2.7 लाख से अधिक क्लेम को फर्जी पाया है, जिनकी कुल राशि 562.4 करोड़ रुपये है।
सरकार द्वारा किए गए मेडिकल ऑडिट और फील्ड निरीक्षणों के बाद 1,114 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है, जबकि 549 अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया है।
आगे पढ़ेकिन राज्यों में कितना फर्जीवाड़ा?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फर्जीवाड़े की राशि के हिसाब से शीर्ष 5 राज्य निम्नलिखित हैं:
- उत्तर प्रदेश – 139 करोड़ रुपये का घोटाला
- छत्तीसगढ़ – 120 करोड़ 34 लाख रुपये की अनियमितता
- मध्य प्रदेश – 119 करोड़ 34 लाख रुपये की गड़बड़ी
- हरियाणा – 45 करोड़ रुपये का घोटाला
- केरल – 35 करोड़ रुपये की हेराफेरी
जहां सबसे कम फर्जीवाड़ा हुआ
इसके विपरीत, देश के कुछ राज्यों में बहुत कम राशि के फर्जी क्लेम पाए गए। इनमें:
- महाराष्ट्र – मात्र 19 हजार रुपये का घोटाला
- दादरा नगर हवेली – 98 हजार रुपये का घपला
- दमन – 1 लाख 39 हजार रुपये का फर्जी क्लेम
- लद्दाख – 50 हजार रुपये का मामला
- चंडीगढ़ – 4 लाख 4 हजार रुपये की अनियमितता
स्वास्थ्य एजेंसियों की कार्रवाई
फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए राज्य स्वास्थ्य एजेंसियां (SHA) नियमित रूप से मेडिकल ऑडिट और फील्ड ऑडिट कर रही हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में सख्त जांच, अस्पतालों को पैनल से हटाने और दोषी संस्थानों पर जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई की जा रही है।
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