छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए सहारा बन रही है। ग्राम खलारी की श्रीमती मंजूलता और ग्राम बनगांव की श्रीमती सविता टेकाम जैसे उदाहरण इस योजना की सफलता की कहानी बयां करते हैं।
महतारी वंदन योजना: एक संजीवनी
महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वार्षिक रूप से ₹12,000 का लाभ मिलता है। यह राशि महिलाओं को उनके दैनिक खर्चों, स्वास्थ्य देखभाल और बच्चों की शिक्षा में सहायक बन रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उनके सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
श्रीमती मंजूलता की कहानी
ग्राम खलारी की निवासी श्रीमती मंजूलता एक साधारण ग्रामीण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनका बेटा देवेन्द्र कुमार शासकीय महाविद्यालय कांकेर में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, महतारी वंदन योजना से मिलने वाली ₹1,000 की मासिक राशि उनके बेटे की शिक्षा में सहायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना कठिन था, लेकिन अब यह राशि एक संजीवनी के रूप में काम कर रही है।
श्रीमती सविता टेकाम का अनुभव
ग्राम बनगांव की श्रीमती सविता टेकाम के लिए भी यह योजना वरदान साबित हो रही है। उनकी बेटी सुधा टेकाम हेल्थ केयर प्रशिक्षण में दाखिला लेना चाहती थीं, लेकिन आर्थिक तंगी एक बड़ी रुकावट थी। महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि ने यह सपना साकार करने में मदद की। उन्होंने बताया कि इस योजना से प्राप्त राशि ने उनके बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महतारी वंदन योजना को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनके बच्चों की शिक्षा में भी सहायक बन रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी महिला शासन की योजनाओं से वंचित न रहे और हर महिला को समान अवसर मिले।
निष्कर्ष
महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है और उनके बच्चों की शिक्षा में सहायक हो रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिला सशक्तिकरण केवल नारे नहीं, बल्कि ठोस कदमों का परिणाम है।