हेल्थ न्यूज़ डेस्क- अक्सर हम ऑफिस जाते समय या वर्कआउट करते समय प्लास्टिक की बोतल में पानी लेकर जाते हैं। कई जगहों पर पीने के पानी के लिए प्लास्टिक के गिलास का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि जानकारों की माने तो प्लास्टिक पॉलीमर है। प्लास्टिक में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और क्लोराइड होते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक में बीपी नाम का केमिकल पाया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी घातक होता है। डॉक्टरों के मुताबिक अगर केमिकल और पॉलीमर में पाए जाने वाले तत्व हमारे शरीर में चले जाएं तो इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
बन सकता है कैंसर का खतरा
जानकारों का कहना है कि अगर पानी को प्लास्टिक की बोतल में ज्यादा देर तक रखा जाए। फिर अगर कोई व्यक्ति इसे पीता है तो यह आपको कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। बता दें कि ये पुरुषों में हार्मोनल गड़बड़ी पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा स्पर्म काउंट कम होगा और लीवर को गंभीर नुकसान भी हो सकता है। इतना ही नहीं ये महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके प्रति लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है।
तांबे के बर्तनों का करें इस्तेमाल
आपको बता दें कि हमारे घरों में भी लोग प्लास्टिक की बोतलों में रखे पानी का ही इस्तेमाल करते हैं। लोग प्लास्टिक की बोतलों को कई दिनों तक फ्रिज में रखते हैं। जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि प्लास्टिक की बोतल में मौजूद डीपीए और अन्य रसायनों के हम तक पहुंचने की संभावना है। तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। वहीं पुराने समय में भी लोग तांबे के बर्तन ही इस्तेमाल करते थे। डॉक्टरों के अनुसार कॉपर शरीर के लिए बहुत ही पौष्टिक तत्व है। लोगों को तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए।
भारत में प्लास्टिक का इतना अधिक उपयोग है
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत हर साल करीब 35 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन कर रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 5 साल में यह प्रति व्यक्ति के हिसाब से दोगुना हो जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 480 अरब प्लास्टिक की बोतलें बिकी हैं।