स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि शासकीय अस्पतालों के अधीक्षक जल्द ही 10 लाख रुपये तक की दवाओं और उपकरण खरीद सकेंगे बिना सरकारी अनुमोदन के। होटल सयाजी में वह चिकित्सक सम्मान समारोह – 2024 में भाषण दे रहे थे। वर्तमान व्यवस्था में, अधीक्षकों को 50 हजार रुपये से अधिक की खरीदी करने के लिए नया रायपुर जाना पड़ा।
समस्या को हल करने के लिए जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में कमेटियां बनाई जाएंगी। समारोह में चौबीस चिकित्सकों का सम्मान किया गया। मंत्री ने प्रतिबद्धता व्यक्त की कि अगले पांच वर्षों में राज्य में एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से अगले दस वर्षों में अनुभवी चिकित्सकों की कमी समाप्त हो जाएगी। साथ ही, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों का वेतनमान चालीस प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश की भौगोलिक विविधता के कारण डॉक्टरों को मध्य छत्तीसगढ़ में डायरिया और बस्तर और सरगुजा में मलेरिया का सामना करना पड़ रहा है। सिकलसेल की चुनौती भी महत्वपूर्ण है। 700 बिस्तरों के नए वार्ड और आंबेडकर अस्पताल की चिकित्सकीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ अगस्त महीने में बिलासपुर और जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन होना है। बजट में अंबिकापुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भी प्रस्ताव है।
मंत्री जायसवाल ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में उन्हें प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का अवसर मिला है। सरकारी और निजी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे। इसके लिए डाक्टरों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। शासकीय अस्पतालों में वर्तमान तकनीकी युग के अनुकूल उपकरणों और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इसे भी देखते हुए बजट प्रबंध किए गए हैं। डॉक्टरों को पुरानी चिकित्सकीय परंपरा को आगे बढ़ाने का जिम्मा है। सरकार उनका सम्मान नहीं खो देगी। समाज के हर वर्ग को भी डाक्टरों का उचित सम्मान करना चाहिए।