fbpx

छत्तीसगढ़ में कोल और शराब से भी बड़ा घोटाला सामने आया , इसमें लीकर का काम करने वाला सिंडीकेट भी शामिल था

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले और कोल घोटाले परत दर परत खुल रहे हैं। दूसरी ओर, लगता है कि 4,500 करोड़ रुपये का रेत रॉयल्टी घोटाला असफल हो गया है। अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई है। राज्य में लगभग 250 खदानें हैं। आठ महीने में प्रत्येक रेत खदान से आठ हजार हाइवा या एक लाख घनमीटर रेत निकालने की अनुमति दी गई है।

एक हाइवा रेत से सरकार को 1,500 रुपये मिलता है (लोडिंग पर 750 रुपये और 750 रुपये रॉयल्टी) खनिज विभाग एक दिन में हर रेत खदान से 100 हाइवा अतिरिक्त रेत निकालता है। इससे सिर्फ आठ महीने में एक रेत खदान से लगभग तीन करोड़, छह सौ लाख का रॉयल्टी घोटाला हुआ है।

250 खदानों से हर वर्ष नौ अरब का घोटाला होता है। वहीं, पिछले पांच वर्षों में रेत का अवैध कारोबार लगभग 4,500 करोड़ रुपये का हुआ है। यदि मामला जांच किया जाता है तो बड़ा घोटाला हो सकता है। कांग्रेस सरकार में शराब उत्पादक सिंडीकेट रेत खनन भी शामिल था।

खनिज क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार ने निविदा के दौरान हाथ से रेत लोडिंग की शर्त रखी थी. इसके बावजूद, खनिज विभाग ने कई चेन माउंटेन मशीनों को पकड़ा, लेकिन ठेका नहीं बदला।

कांग्रेस सरकार की सत्ता में आने के बाद से रेत खदानों का नियंत्रण ग्राम पंचायतों से रेत माफियाओं के पास चला गया। ठेके के नियमों के अनुसार, सभी रेत खदानों पर सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम लगाए जाना चाहिए था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

बतादें कि सरकार ने जिन रेत खदानों का ठेका करोड़ों रुपए में दिया है। उनकी निगरानी के लिए एक भी शासकीय कर्मचारी नही रखा।

More Topics

डेल्टा निर्माण कैसे होता है: सरल विधियाँ और प्रक्रियाएँ

"डेल्टा का निर्माण कैसे होता है? जानें प्रभावी विधियाँ...

भारत का सबसे बड़ा जिला: चौंकाने वाले तथ्य

"जानें भारत का सबसे बड़ा जिला कच्छ के बारे...

अग्नि कितने प्रकार की होती है

अग्नि के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कई पुराणों, वैदिक...

हिंदी का पहला समाचार पत्र कब प्रकाशित हुआ

हिंदी का पहला समाचार पत्र "उदन्त मार्तण्ड" था, जिसे...

सक्रिय युवा: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण समाधान

"सक्रिय युवा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण की बड़ी...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े