Total Users- 663,968

spot_img

Total Users- 663,968

Wednesday, March 12, 2025
spot_img

अन्नामलाईयार मंदिर : भगवान शिव अग्नि के रूप में प्रकट हुए थे,होती है हर मनोकामना

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर 5 किमी में पवित्र और फेमस मंदिर मिल जाएंगे। इसलिए भारत को कई लोग मंदिरों के घर के नाम से भी जानते हैं। मंदिरों के अलावा कई फेमस, प्राचीन और पवित्र शिव मंदिर भी हैं। भारत में पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई फेमस शिव मंदिर हैं। जहां पर दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। बता दें कि दक्षिण भारत में स्थित अन्नामलाईयार एक ऐसा शिव मंदिर है, जो काफी ज्यादा फेमस और प्राचीन है। बताया जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको दक्षिण भारत में स्थित अन्नामलाईयार मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

अन्नामलाईयार मंदिर
अन्नामलाईयार मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के तिरुवन्नामलाई शहर में स्थित है। इस मंदिर को लोग अरुणाचलेश्वर मंदिर के नाम से भी जानते हैं। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 196 किमी दूर है। यह मंदिर पुडुचेरी से करीब 111 और सलेम से करीब 169 किमी दूर स्थित है।

अन्नामलाईयार मंदिर का इतिहास
अन्नामलाईयार मंदिर का इतिहास काफी पुराना माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका इतिहास करीब 9वीं शताब्दी के आसपास का बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे चोल, विजयनगर और होयसल जैसे राजवंशों द्वारा इसका विस्तार किया गया था। कई लोग अन्नामलाईयार मंदिर का इतिहास चोल, विजयनगर और होयसल जैसे राजवंशों से जोड़कर देखते हैं।

अन्नामलाईयार मंदिर की वास्तुकला
यह फेमस मंदिर अपनी वास्तुकला से भी लोगों को बहुत आकर्षित करता है। अन्नामलाई पहाड़ी के तल पर मौजूद इस मंदिर में प्रवेश के चार द्वार हैं, जिसको लोग गोपुरम के नाम से जानते हैं। अन्नामलाईयार मंदिर में सबसे ऊंचा टॉवर करीब 66 मीटर है। वहीं मंदिर की दीवारों और किनारों पर बने चित्र पर्यटकों को अधिक आकर्षित करती हैं। यह मंदिर 10 हेक्टेयर में फैला है। अन्नामलाईयार मंदिर दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।

पौराणिक कथा
अन्नामलाईयार मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में बताया जाता है कि इस जगह पर भगवान भोलेनाथ अग्नि के रूप में प्रकट हुए थे। यह भी कहा जाता है कि जिस पहाड़ पर यह मंदिर मौजूद है, उसको आग का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह पांच तत्वों को प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इसको लोग पंचभूत स्थलों में से एक मानते हैं।

More Topics

रायपुर में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या: सड़कों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल

रायपुर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े