सभी महिलाएं जानती हैं कि अपने पति से किसी मुद्दे को लेकर बात करना कितना कठिन काम होता है। बातचीत शुरू करना किसी लड़ाई से निपटने जितना मुश्किल लग सकता है। ऐसे मामलों में, यह महत्वपूर्ण है कि किसी तरह अपने पति को धैर्यपूर्वक आपकी बात सुनने के लिए कहें। इसलिए, हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप ऐसा कर सकती हैं!
अपने प्यार को जताएं
इससे पहले कि आप अपने पति को अपनी ज़रूरतों के बारे में बताना शुरू करें, उसे आपकी डिमांड्स के बारे में सुनने की ज्यादा जरूरत होगी कि आपको क्या चाहिए। और यह तब होगा, जब आप अपने प्यार को ज्यादा जोश के साथ जताएंगी। मीठी नोक-झोंक के साथ बात की शुरुआत करें और उन्हें अपने प्यार का एहसास दिलाएं। फिर देखिए, वे किस तरह अपने कानों को आपकी बात सुनने के लिए आगे की ओर टिकाते हैं।
सही समय पर बातचीत की शुरुआत करें
अपने पति से कहीं भी और किसी भी समय बात करना शुरू न करें। आपको अपने पति के साथ बातचीत शुरू करने के लिए उपयुक्त समय और स्थान की तलाश करनी चाहिए। यह एक बहुत ही सामान्य गलती है, जब महिलाएं अपने पति की स्थिति को नज़रअंदाज़ कर देती हैं और उनके अति व्यस्त होने पर खीझने लगती हैं। यह आमतौर पर पति को बातचीत से पूरी तरह से दूर कर देता है।
सीधे मुद्दे की बात करें
यदि आप अपने पति से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, तो डिस्कसन करने में देर करने का कोई मतलब नहीं है। सीधे मुद्दे पर आएं। यदि आप ईमानदारी पूर्वक सीधे मुद्दे की बात करेंगी, तो आपके पति इसकी सराहना करेंगे। आप जिन समस्याओं का सामना कर रही हैं और आप उनसे क्या उम्मीदें रखती हैं, इस बारे में स्पष्ट रहें।
बॉडी लैंग्वेज की जांच करें
अपने पति के सामने डराने वाली बॉडी लैंग्वेज दिखाने से बचें। अपनी आवाज के टोन को ऊपर न करें और न ही कठोर आवाज़ में बात करें, क्योंकि यह निश्चित रूप से उन्हें आपसे दूर कर देगा। अपने पति के करीब बैठें और बहुत ही शांत, मुलायम और मधुर स्वर में बात करें, जैसा कि आप आमतौर पर शांति पूर्वक करती हैं। इससे उनका रवैया भी आपके प्रति थोड़ा सॉफ्ट रहेगा।
फ्लेक्सिबल यानी लोचपूर्ण व्यवहार रखें
ध्यान रखें कि जिस मुद्दे पर बात हो रही है, उसमें आपके अलावा आपके पति का भी दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। उनकी डिमांड्स और चाहतों को सुनें और उनके फैसलों के साथ भी फ्लेक्सिबल बने रहें। विवाह जैसे रिश्ते में केवल अपनी ज़रूरतों को थोपना सेल्फिश है, क्योंकि विवाह तभी अच्छा काम करता है जब कपल्स एक-दूसरे की इच्छाओं को समान रूप से पूरा करते हैं।