मल्हार, छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम है। यह स्थल अपने प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की संरचनाएँ शामिल हैं।
प्रमुख स्थल और संरचनाएँ:
- देउरी मन्दिर: देउरी मन्दिर एक प्रमुख प्राचीन मंदिर है, जो शैव धर्म से संबंधित है। इस मंदिर का वास्तुशिल्प और कला कौशल पुरानी भारतीय स्थापत्य शैली को दर्शाता है।
- पातालेश्वरी मन्दिर: यह मंदिर देवी पातालेश्वरी को समर्पित है और एक प्राचीन शैव स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ की मूर्तियों और शिलालेखों से इस क्षेत्र की प्राचीनता का पता चलता है।
- डिंडेश्वरी मन्दिर: यह मंदिर भी मल्हार में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो देवी डिंडेश्वरी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां की मूर्तियों और शिलालेखों में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी मिलती है।
- चतुर्भुज विष्णु प्रतिमा: मल्हार में एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्राचीन चतुर्भुज विष्णु की प्रतिमा पाई जाती है। यह प्रतिमा भारतीय कला और धर्म के दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है और भारत की प्राचीनतम विष्णु प्रतिमाओं में से एक मानी जाती है।
उत्खनन और खोजें:
मल्हार में कई महत्वपूर्ण उत्खनन कार्य किए गए हैं, जिनसे यहाँ के प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। इन उत्खननों ने इस क्षेत्र की प्राचीनता और धार्मिक महत्व को स्पष्ट किया है। यहाँ के मंदिर और मूर्तियाँ प्राचीन भारतीय संस्कृति, कला, और धर्म के विविध पहलुओं को उजागर करती हैं।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व:
मल्हार का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह स्थल न केवल शैव और वैष्णव धर्म के अद्भुत मिश्रण को दर्शाता है, बल्कि भारतीय प्राचीन स्थापत्य और कला का भी एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ के मंदिर और मूर्तियाँ भारतीय कला की उत्कृष्टता का प्रतीक हैं और भारतीय इतिहास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस प्रकार, मल्हार एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यह भारतीय प्राचीन संस्कृति और धार्मिकता को समझने में सहायक है।