भारत का पहला मोबाइल फोन और इसकी शुरुआत से जुड़ी कहानी टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत में मोबाइल फोन सेवाओं की शुरुआत 1990 के दशक के मध्य में हुई थी। यहां पर उस पहले मोबाइल फोन और उसके विकास की विस्तृत जानकारी दी जा रही है:
1. भारत का पहला मोबाइल फोन कॉल (31 जुलाई, 1995)
- 31 जुलाई, 1995 को भारत में पहली बार मोबाइल फोन कॉल की गई। यह कॉल तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुकीराम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बीच हुई थी।
- यह कॉल नोकिया 2110 मोबाइल फोन से की गई थी, जो उस समय का एक प्रसिद्ध हैंडसेट था। इस कॉल ने भारत में मोबाइल फोन सेवा की शुरुआत को चिह्नित किया।
- उस समय, मोबाइल नेटवर्क सेवा Modi-Telstra ने दी थी, जो Modi Group और ऑस्ट्रेलिया की Telstra कंपनी का एक संयुक्त उपक्रम था। इस कंपनी ने पहली बार कोलकाता में मोबाइल सेवाएं प्रदान की थीं।
2. पहली मोबाइल सेवा और ऑपरेटर
- भारत की पहली मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी Modi-Telstra थी, जिसे बाद में Spice Telecom के नाम से जाना गया। इसने भारत में सबसे पहले मोबाइल सेवाओं की शुरुआत की थी।
- इसके बाद अन्य कंपनियां भी मोबाइल सेवा प्रदाता के रूप में सामने आईं, जैसे Bharti Airtel, Vodafone (तत्कालीन Hutchison Essar), और Reliance Communications।
3. पहला मोबाइल हैंडसेट (Nokia 2110)
- भारत में इस्तेमाल किया जाने वाला पहला मोबाइल हैंडसेट Nokia 2110 था, जिसे 1994 में लॉन्च किया गया था और यह उस समय के लिए अत्यधिक लोकप्रिय मॉडल था।
- यह फोन उस समय के हिसाब से उन्नत फीचर्स के साथ आता था, जैसे कि SMS (Short Message Service) की सुविधा, 10 घंटों की बैटरी लाइफ, और 99 फोन नंबरों की स्टोरेज कैपेसिटी।
- Nokia 2110 का रिंगटोन “Nokia Tune” भी पहली बार इसी मॉडल के साथ पेश किया गया, जो बाद में नोकिया का सिग्नेचर ट्यून बन गया।
4. मोबाइल सेवाओं की शुरुआत के बाद का विकास
- 1995 में जब मोबाइल सेवाओं की शुरुआत हुई, उस समय कॉल दरें बहुत ज्यादा थीं। शुरुआती दिनों में प्रति मिनट कॉल की लागत करीब 16-17 रुपये थी, जो उस समय के लिए काफी महंगी थी।
- 2000 के दशक की शुरुआत में, Bharti Airtel, Reliance, Idea जैसी कंपनियों ने भारत में तेजी से मोबाइल सेवाओं का विस्तार किया। इसके बाद कॉल दरें धीरे-धीरे कम होने लगीं, जिससे मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई।
5. मोबाइल क्रांति और 4G युग की शुरुआत
- 2000 के दशक के अंत तक और 2010 के दशक में, भारत में स्मार्टफोन और 4G नेटवर्क का आगमन हुआ। Reliance Jio के आगमन के साथ 2016 में 4G सेवाओं ने पूरे देश में इंटरनेट उपयोग और मोबाइल सेवाओं में क्रांति ला दी।
- मोबाइल सेवाओं की लागत में भारी कमी आई और स्मार्टफोन की उपलब्धता बढ़ी, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल उपयोगकर्ता बाजार बन गया।
6. पहले मोबाइल फोन की ऐतिहासिक भूमिका
- नोकिया 2110 और अन्य शुरुआती मोबाइल फोन भारत में टेक्नोलॉजिकल ट्रांजिशन के प्रतीक बने। इन फोन ने भारत में डिजिटल क्रांति की नींव रखी और आगे चलकर स्मार्टफोन और इंटरनेट सेवाओं के बड़े उपयोग की दिशा में देश को प्रेरित किया।
निष्कर्ष
भारत का पहला मोबाइल फोन कॉल 31 जुलाई, 1995 को नोकिया 2110 हैंडसेट का उपयोग करके किया गया था, जो भारत में मोबाइल सेवाओं की शुरुआत का प्रतीक था। इस कॉल ने भारत में मोबाइल टेलीकॉम उद्योग की नींव रखी, जो आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार बन चुका है। शुरुआत में महंगे और सीमित उपयोग से लेकर आज के सस्ते और अत्याधुनिक स्मार्टफोन युग तक, भारत में मोबाइल फोन की यात्रा अविश्वसनीय रही है।